एआइएमटीसी के अध्यक्ष भीम वाधवा ने कहा, ‘टोल बैरियर मुक्त भारत के लिए हमारे सदस्य जंतर मंतर पर आज शांतिपूर्ण धरना देंगे. जब तक सरकार हमारी समस्या का कोई व्यावहारिक समाधान नहीं करती तब तक हम हडताल जारी रखेंगे. हम टोल भुगतान के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हम इसे वार्षिक रूप से किये जाने की मांग कर रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रानिक टोल संग्रहण प्रणाली जैसा कि सरकार ने वायदा किया है, ‘व्यावहारिक नहीं’ है.
एआइएमटीसी का दावा है कि उसके पाले में देशभर में 87 लाख ट्रक और 20 लाख बस और टेम्पो हैं. ट्रक ऑपरेटरों की एक अन्य इकाई ‘आल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन’ (एआइटीडब्ल्यूए) ने हडताल से दूर रहने का फैसला किया है. वाधवा ने कहा कि ट्रक ऑपरेटरों को तीन दिन में करीब 4,500 करोड रुपये का नुकसान हुआ है, जबकि सरकार को 30 हजार करोड रुपये से अधिक का नुकसान हो सकता है. हालांकि सरकार ने कहा है कि वह टोल संग्रहण प्रणाली को खत्म नहीं कर सकती. सडक परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है, ‘हडताल जारी रखना उन (ट्रांसपोर्टरों) पर निर्भर करता है.
सरकार टोल को समाप्त नहीं कर सकती. हम पहले ही दिसंबर तक पूरे भारत में इलेक्ट्रानिक टोल प्रणाली लागू करने का आश्वासन दे चुके हैं. मैं उनसे हडताल खत्म करने की अपील करता हूं.’ एआइएमटीसी मौजूदा टोल प्रणाली को यह कहकर खत्म करने की मांग कर रही है कि यह परेशान करने का साधन है. वह एक ही बार में करों का भुगतान करने और टीडीएस प्रक्रिया को सामान्य बनाने की मांग कर रही है. दूसरी ओर, इंडियन फाउंडेशन ऑफ ट्रांसपोर्ट रिसर्च एंड ट्रेनिंग (आइएफटीआरटी) ने कहा कि एआइएमटीसी की एकमुश्त वार्षिक टोल जमा करने की सलाह तार्किक नहीं है.
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