पीएफ निकासी की ऑनलाइन सुविधा मार्च तक!

नयी दिल्ली : भविष्य निधि (पीएफ) से धन निकालने के लिए कागजी कार्रवाई की प्रक्रिया अब बीती बात हो जायेगी. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) मार्च के अंत तक पीएफ निकासी की ऑनलाइन सुविधा शुरू करने की उम्मीद कर रहा है. उच्चतम न्यायालय ने भविष्य निधि सहित सरकारी योजनाओं में आधार कार्ड के स्वैच्छिक इस्तेमाल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 16, 2015 4:11 PM
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नयी दिल्ली : भविष्य निधि (पीएफ) से धन निकालने के लिए कागजी कार्रवाई की प्रक्रिया अब बीती बात हो जायेगी. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) मार्च के अंत तक पीएफ निकासी की ऑनलाइन सुविधा शुरू करने की उम्मीद कर रहा है. उच्चतम न्यायालय ने भविष्य निधि सहित सरकारी योजनाओं में आधार कार्ड के स्वैच्छिक इस्तेमाल की अनुमति दी है.

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के अंशधारकों की संख्या पांच करोड़ से अधिक है. वह पीएफ निपटान की ऐसी व्यवस्था पर काम कर रहा है जिसके तहत आवेदन मिलने के तीन घंटे के अंदर दावे का निपटान कर दिया जायेगा. एक बार यह व्यवस्था परिचालन में आने के बाद अंशधारक पीएफ निकासी के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. यह राशि सीधे उनके बैंक खातों में स्थानांतरित की जायेगी.

केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त के के जालान ने कहा, ‘‘हमने ऑनलाइन पीएफ निकासी सुविधा शुरू करने के लिए श्रम मंत्रालय को पत्र लिखा है. हम उच्चतम न्यायालय के कल के फैसले के बाद इसे मार्च के अंत तक शुरु करने की उम्मीद कर रहे हैं.” उच्चतम न्यायालय ने कल व्यवस्था दी थी कि आधार कार्ड का इस्तेमाल मनरेगा, सभी प्रकार की पेंशन योजनाओं, भविष्य निधि तथा प्रधानमंत्री जनधन योजना के लिए स्वैच्छिक आधार पर किया जा सकता है. अभी ऐसे अंशधारक जिन्हें अपने खातों से निकासी करनी होती है, को ‘मैनुअल’ तरीके से आवेदन करना होता है.

अंशधारकों के लिए ऑनलाइन सुविधा शुरु करने के मकसद से ईपीएफओ नामांकन के लिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) का पंजीयक बना है. यह प्राधिकरण के लिए एक ऑनलाइन सत्यापन प्रयोगकर्ता एजेंसी है. हालांकि, ऑनलाइन व्यवस्था को शुरु करने के लिए जरुरी है कि 40 प्रतिशत विशिष्ट (पोर्टेबल पीएफ) खाता संख्या (यूएएन) को आधार नंबर और अंशधारक के बैंक खाते से जोडा जाए. ईपीएफओ की वेबसाइट के अनुसार प्राधिकरण ने 5.6 करोड यूएएन जारी किए हैं. इनमें से 92.88 लाख अंशधारकों ने अपने आधार नंबर दिये हैं, जबकि 2.75 करोड ने बैंक खातों का ब्योरा उपलब्ध कराया है.

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