किन-किन फ्रीक्वेंसी की होगी नीलामी
सरकार करीब 96,317 करोड़ रुपये के आधार मूल्य पर मोबाइल फोन सेवाओं के लिए आठ स्पेक्ट्रम बैंड की नीलामी करेगी. सरकार की ओर से जारी किए गए बयान के अनुसार, मौजूदा टेलिकॉम सर्विस को बढ़ाने और सर्विस की निरंतरता बनाए रखने के लिए सरकार मंगलवार 25 जून 2024 से स्पेक्ट्रम नीलामी शुरू हो चुकी है. स्पेक्ट्रम के लिए हो रही नीलामी में 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज, 2500 मेगाहर्ट्ज, 3300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज बैंड में उपलब्ध सभी स्पेक्ट्रम 10वीं नीलामी का हिस्सा हैं.
किन कंपनियों ने जमा कराई कितनी रकम
दूरसंचार विभाग के आंकड़ों के अनुसार, रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने सामूहिक रूप से एडवांस रकम के रूप में करीब 4350 करोड़ रुपये जमा किए हैं. भारत की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी रिलायंस जिओ ने पूरे 300 करोड़ रुपये जमा किए हैं. भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी कंपनियों ने करीब 1050 करोड़ रुपये और 300 करोड़ रुपये जमा किए हैं. रिलायंस जियो जैसी कंपनी 800 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम जोड़ सकती है.
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कितना लगाना होगा पैसा
भारती एयरटेल कंपनी स्पेक्ट्रम नीलामी में कम से कम 3800 करोड़ रुपए खर्च करने पड़ सकते हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि कंपनी को 6 सर्किलों में 1800 मेगाहट्र्ज और 900 मेगाहर्ट्ज बैंड में 42 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम का नवीनीकरण करना होगा. जैफरीज ने एक नोट में बताया है कि कंपनी को कुछ सर्किलों में अपनी होल्डिंग बढ़ाने के लिए 1800 मेगाहर्ट्ज या 800 मेगाहर्ट्ज बैंड में 10 से 15 मेगाहर्ट्ज तक की बोली लगानी होगी.वहीं 2300 बैंड में 400 मेगाहट्र्ज की बोली लगानी पड़ सकती है. जिससे कंपनी का कुल खर्च 12,300 करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है. इसके साथ ही एयरटेल ग्रामीण कवरेज को बढ़ाने के लिए भी कई कदम उठा रहे हैं. कंपनी रिन्यूअल के अलावा महाराष्ट्र ,गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, केरल और पश्चिम बंगाल में कम से कम 25000,नई 5G साइट्स लगाने की योजना बना रही है.
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