बिंदुवार पढिए सातवें पे कमीशन की सिफारिश की प्रमुख बातें
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने के बाद सरकारी कर्मचारियों का वेतन निजी क्षेत्र के वेतन के मुकाबले स्पष्टरूप से अधिक है, इसीलिए कोई विरोध नहीं होना चाहिए : वित्त मंत्री
सरकार ने सातवें पे कमीशन की अनुशंसाओं को स्वीकार किया है : अरुण जेटली
47 लाख कर्मियों, 53 लाख रिटायर्ड कर्मियों को पे कमीशन का होगा लाभ : अरुण जेटली
पांचवें पे कमीशन को लागू करने में सरकार को 19 महीने, छठे महीने को लागू करने में 32 महीने लगे थे : वित्त मंत्री
सातवें वेतन आयोग से एक लाख, दो हजार 100 करोड़ का खजाने पर बोझ : वित्तमंत्री
जनवरी से लागू होने के कारण एरियर के कारण 12 हजार करोड़ का अतिरिक्त बोझ : वित्तमंत्री
निजी सेक्टर से सरकारी सेक्टर की सैलरी की तुलना की गयी. निजी सेक्टर के आधार पर सिफारिश की गयी है.
वित्त मंत्री अरण जेटली ने कहा कि सरकार ने 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को काफी कुछ स्वीकार कर लिया है और इसके बकाये का भुगतान इस साल किया जायेगा.
भत्तों के बारे में फैसला करने के लिये सरकार विभिन्न विशेषज्ञ समूह बनायेगी : वित्त मंत्री
वित्तमंत्री के अनुसार, भत्तों पर विचार के लिए एक कमेटी बनायी गयी है, जिसकी सिफारिशें आने तक मौजूदा भत्ते जारी रहेंगे.
ग्रुप इंश्योरेंस पर पे कमीशन की सिफारिश को कैबिनेट ने नहीं स्वीकार किया, इसके तहत 1500 रुपये से 5000 हजार रुपये तक की वेतन से इंश्योरेंस के लिए कटौती होनी थी : अरुण जेटली
कैबिनेट ने सातवें पे कमीशन को स्वीकार किया, इसके अनुसार, न्यूनतम वेतन सात हजार रुपये से बढ़ा कर 18 हजार रुपये प्रति माह होगा : वित्तमंत्री
वेतन में तीन प्रतिशत की सालाना वृद्धि जारी रहेगी
वर्तमान केंद्रीय कर्मियों व सेवानिवृत्त कर्मियों की संख्या के अलग-अलग आंकड़े आने के के मीडिया के सवाल पर वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि आंकड़े हम चेक कर लेंगे
बेसिक सैलरी में 2.57 गुणा वृद्धि की गयी
पे व पेंशन से जुड़ी सारी सिफारिशें आयोग की मानी गयीं
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में आज सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी दे दी गयी. यह फैसला एक करोड़ से अधिक मौजूदा व रिटायर्ड केंद्रीय कर्मियों के लिए अच्छी खबर है. सरकार ने भत्ता सहित औसतन 23.55 प्रतिशत वेतन वृद्धि की सफारिश की है. यह फैसला पहली जनवरी 2016 से प्रभावी है.मोदी सरकार के इस फैसले से 47 लाख वर्तमान केंद्रीय कर्मचारियों और 53 लाख सेवानिवृत्त केंद्रीय कर्मचारियों को और उनके आश्रितों को सीधा लाभ होगा.अब नियुक्ति के समयसबसेजूनियर लेवल के केंद्रीय कर्मियों को भी कम से कम 18 हजार रुपयेवेतनमिलेगा.इस फैसले से कई सेक्टर में डिमांड बढ़ेगा.
शाम में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने प्रेस कान्फ्रेंस कर वेतन आयोग की सिफारिशें स्वीकार करने व वेतन वृद्धि का पूरा ब्यौरा दिया, जिसके प्रमुख बिंदुओं का उल्लेख इस खबर में ऊपर किया गया है.
उधर, चेन्नई में इस वेतन वृद्धि से नाराज केंद्रीय कर्मचारी विरोध-प्रदर्शन पर उतर आये हैं. वे इसे उम्मीद से कम वेतन वृद्धि मान रहे हैं. मोदी सरकार ने जहां सिफारिश के अनुरूप वेतन वृद्धि को मंजूरी दी है, वहीं पूर्ववर्ती यूपीए सरकार ने छठे वेतन आयोग की सिफारिश से अधिक वेतन वृद्धि को मंजूरी दी थी.
उल्लेखनीय है कमीशन ने 23.55 प्रतिशत औसत सेलरी, भत्ता व पेंशन बढ़ाने की सिफारिश की थी. यानी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें में प्रस्तावित भत्तों को जोड़ दिया जाये तो सिफारिश के अनुसार, वेतन में 23.55 प्रतिशत की वृद्धि करने की सिफारिश की गयी थी. सातवें वेतन आयोग ने जूनियर लेवल के केंद्रीय कर्मचारियों के बेसिक वेतन में 14.27 प्रतिशत वृद्धि की सिफारिश की थी.सूत्रों के अनुसार, मूल वेतन में इतनी ही वृद्धि करने का निर्णय लिया गया है.यह सिफारिश 70 साल के इतिहास में सबसे कम बतायी जा रही थी. इससे पहले छठे वेतन आयोग ने 20 प्रतिशत बढ़ोत्तरी की सिफारिश की थी, पर 2008 में सरकार ने इसे लागू करते समय दोगुणी वृद्धि कीगयी थी.
इस वेतन वृद्धि के बाद एक नवनियुक्त आइएएस अधिकारी की मौजूदा बेसिक सैलरी 23 हजार रुपये की जगह 56 हजार रुपये होगी. वहीं, सेना में नियुक्त होने वाले एक जवान की न्यूनतम सैलरी अब 8460 रुपये की जगह 21, 700 रुपये होगी. इस वेतन वृद्धि से वित्तीय वर्ष 2016-17 में वेतन व भत्ता मद में कुल 1.84 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है, जो पिछले साल करीब 1.18 लाख करोड़ रुपये थी. पिछले बार से यह राशि 65, 687करोड़ रुपये थी.
आशंका है कि केंद्रीय कर्मचारियों के कुछ संगठन पे कमीशन की सिफारिशों से असंतुष्ट होकर हड़ताल पर जा सकते हैं. कॉनफेडरेशन आॅफ सेंट्रल गवर्नमेंट इंपलाइज एंड वर्कर ने पूर्व में ही एक ब्लॉग के माध्यम से 11 जुलाई से हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी थी और पे कमीशन के बारे में सरकार को चेताया था. हालांकि उस ब्लॉगकेसाथ पोस्ट किये गये पत्र में इसके अलावा और कई दूसरी मांगें व सरकार के फैसले पर आपत्ति भी शामिल हैं.
Chennai: Central Government employees protest against the 7th pay commission. pic.twitter.com/zIEGkcEmNi
— ANI (@ANI) June 29, 2016
जेटली ने टि्वट कर दी केंद्रीय कर्मियों को बधाई
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली बैठक के तुरंत बाद ट्वीटर पर एक संदेश में कहा, ‘‘केंद्र सरकार के अफसरों, कर्मचारियों और पेंशनधारकों को सातवें वेतन आयोग के जरिए उनके वेतन और भत्तों में ऐतिहासिक वृद्धि के लिए बधाई.’ एक अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय ने एक जनवरी 2016 से सिफारिशें लागू करने की मंजूरी दी है.
Congratulations to central government officers, employees & pensioners on a historic rise in their salary & allowances through the 7th CPC.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) June 29, 2016
वेतन आयोग की सिफारिशों के लिए बजट में 70 हजार करोड़ रुपये की राशि
इस अहम मुद्दे को लेकर केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली अपने चीन यात्रा से एक दिन पहले ही स्वदेश लौट आये थे. उनके आने से पहले ही सोमवार को पीएमओ ने वित्त मंत्रालय से वेतन आयोग की रिपोर्ट मांगी थी, ताकि उसका कैबिनेट नोट तैयार कराया जा सके.वित्तमंत्री अरुण जेटली ने 2016-17 के बजट में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए 70 हजार करोड़ रुपये आवंटन का प्रावधान किया है.
सेवानिवृत्त न्यायाधीश एके माथुर थे आयोग के अध्यक्ष
सातवें वेतन आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश एके माथुर थे. उल्लेखनीय है कि 900 पन्नों की सातवें पे कमीशन की रिपोर्ट सेवानिवृत्त न्यायाधीश एके माथुर ने नवंबर 2015 में वित्तमंत्री अरुण जेटली को सैंपी थी. इसके बाद जनवरी में सरकार ने कैबिनेट सचिव पीएके सिन्हा की अध्यक्षता में एक अधिकार प्राप्त समिति का गठन इस रिपोर्ट की जांच करने के लिए किया था.
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