उर्जित पटेल ने नये RBI गवर्नर का संभाला प्रभार, ये होंगी जिम्मेवारियां

मुंबई : उर्जित पटेल ने रिजर्व बैंक के 24वें गवर्नर के तौर पर प्रभार संभाला जो रघुराम राजन की जगह ले रहे हैं. राजन का विवादास्पद तीन साल का कार्यकाल कल समाप्त हो गया. आरबीआई ने आज जारी एक बयान में कहा कि पटेल ने चार सितंबर 2016 से प्रभार संभाला जो जनवरी 2013 से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 5, 2016 1:06 PM
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मुंबई : उर्जित पटेल ने रिजर्व बैंक के 24वें गवर्नर के तौर पर प्रभार संभाला जो रघुराम राजन की जगह ले रहे हैं. राजन का विवादास्पद तीन साल का कार्यकाल कल समाप्त हो गया. आरबीआई ने आज जारी एक बयान में कहा कि पटेल ने चार सितंबर 2016 से प्रभार संभाला जो जनवरी 2013 से डिप्टी गवर्नर पद पर थे. गौरतलब है कि डिप्टी गवर्नर के तौर पर तीन साल का कार्यकाल पूरा होने पर 11 जनवरी 2016 को उन्हें सेवाविस्तार दिया गया था.

सबसे बड़ी चुनौती एनपीए से निपटना

रिजर्व बैंक के नये गवर्नर डॉ. उर्जित पटेल के सामने अपने पूर्ववर्ती रघुराम राजन के ‘अधूरे एजेंडे’ को पूरा करने की महत्ती जिम्मेदारी होगी. इस अधूरे काम में बैंकों की ‘गहरी शल्यक्रिया’ तथा मुद्रास्फीति के खिलाफ लडाई जीतना शामिल है. राजन के कार्यकाल में पटेल ने बढती कीमतों से लडने के लिए नया खाका तैयार किया और उन्होंने अनौपचारिक रूप से ‘मुद्रास्फीति विरोधी योद्धा’ कहा जाता है. पटेल के सामने सबसे बडी चुनौती बैंकों की बैलेंसशीट से एनपीए (वसूल नहीं हो रहे) ऋणों की सफाई हो सकती है. राजन ने ही अपने कार्यकाल में बैंकों के खातों को साफ करने के लिए डीप सर्जरी यानी ‘गहरी शल्यक्रिया’ का बीडा उठाया था. यह प्रक्रिया चल रही रही है और अब अनेक बैंक, कंपनियां इसके खिलाफ लाबिंग कर रही हैं.

उद्योगपतियों को काफी उम्मीदें

राजन ने 2013 में जब कार्यकाल संभाला तो वैश्विक बाजारों में उतार चढाव था और रुपया टूट रहा था. अब ऐसा नहीं है. वित्तीय बाजारों में अपेक्षाकृत स्थिरता है, रुपये की स्थिरता को लेकर चिंताएं भी कम हैं. केन्या में जन्में गुजराती मूल के पटेल अर्थशास्त्र के विद्वान हैं. उनकी उच्च शिक्षा और शोध कार्य येल तथा अक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में हुआ है. डा उर्जित पटेल आरबीआई के 24वें गवर्नर हैं. पटेल के साथ काम कर चुके अनेक उद्योगपतियों, कंपनी अधिकारियों व बैंकरों को उम्मीद है कि केंद्रीय बैंक के आस्ति गुणवत्ता समीक्षा (एक्यूआर) निर्देशों के कारण कंपनियों व बैंकों के समक्ष दिक्कतों को लेकर वे (पटेल) बेहतर समझ दिखाएंगे. ऐसे अनेक लोगों को तो यहां तक भी उम्मीद है कि एक्यूआर प्रणाली में समय के साथ अनेक बदलाव देखने को मिल सकते हैं. हालांकि राजन ने आरबीआई में अपने आखिरी कार्यदिवसों में बार-बार दोहराया कि इस प्रक्रिया को मार्च 2017 तक पूरा कर लिया जाना चाहिए. राजन ने बैंकों की बैलेंस शीट की ‘साफ सफाई’ के लिए यही समयसीमा तय की है.

आईएमएफ व वित्त मंत्रालय में भी कर चुके हैं काम

पटेल आईएमएफ व वित्त मंत्रालय के साथ काम कर चुके हैं. संभवत: वे केंद्रीय बैंक के पहले गवर्नर हैं जो किसी निजी कंपनी के साथ काम कर चुके हैं. पटेल मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्टरीज के साथ काम कर चुके हैं. वे विभिन्न रुपों में गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कारपोरेशन, आईडीएफसी व एमसीएक्स से भी जुडे रह चुके हैं. एक वरिष्ठ बैंकर ने कहा,‘रिजर्व बैंक के शीर्ष पद के व्यक्तित्व में पटेल के साथ आने वाला बदलाव उद्योग जगत व बैंकरों के लिए आसान नजर आ रहा है जो कि राजन की नीतिगत कार्रवाईयों के कारण प्राय: निशाने पर रहे हैं.’

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