वित्त विधेयक और बजट प्रावधान 1 अप्रैल से लागू करने का प्रयास
जेटली ने सीएनबीसी टीवी 18 से कहा, ‘बजट पहले पेश किये जाने का कारण हम चाहते हैं कि पूरी बजट प्रक्रिया और वित्त विधेयक समय रहते पारित हो जाए और एक अप्रैल से लागू हो. फिलहाल पूरी प्रक्रिया जून तक पूरी होती है और तब तक मानसून आ जाता है जिससे प्रभावी तौर पर व्यय अक्तूबर से शुरू होता है.’ उन्होंने कहा, ‘सरकार चाहती है कि व्यय अप्रैल से ही शुरू हो.’ जेटली ने कहा कि 2017 में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, इसीलिए हम तालमेल बैठाना चाहते हैं ताकि चुनाव के बीच में बजट की घोषणा नहीं करनी पड़े इसीलिए यह इससे पहले या उसके बाद होगा. इससे पहले, वित्त मंत्रालय का यह प्रस्ताव था कि बजट एक फरवरी को पेश हो और पूरी प्रक्रिया 24 मार्च तक पूरी हो जाए.
25 जनवरी से पहले बजट सत्र बुलाने की संभावना
मंत्रालय चाहता है कि 25 जनवरी से पहले बजट सत्र बुलाया जाए और 10 या 15 फरवरी से तीन सप्ताह का अवकाश हो और प्रक्रिया पूरी करने के लिये इसे दोबारा 10 या 15 मार्च को बुलाया जाए. लेकिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में बजट के चुनावों के बीच में पडने की संभावना है. पंजाब, मणिपुर और गोवा में विधानसभा का कार्यकाल 18 मार्च 2017 को समाप्त हो रहा है जबकि उत्तराखंड में 26 मार्च 2017 को कार्यकाल समाप्त होगा। वहीं उत्तर प्रदेश में 27 मार्च को समाप्त होगा. मंत्रिमंडल ने अलग से रेल बजट पेश करने की 92 साल पुरानी व्यवस्था भी समाप्त करने का फैसला किया है और इसे आम बजट में मिला दिया है.
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