ये दोनों कंपनियां भारत में भी कारोबार कर रही हैं. वे इस साझेदारी के माध्यम से अपनी कमजोरियों की पहचान करेंगी. बयान में कहा गया है कि भारत में अपनी इकाई मारुति सुजुकी के माध्यम से सुजुकी का मुख्य ध्यान छोटे वाहनों के निर्माण पर है और वह निरंतर अपनी तकनीक में सुधार कर रही है ताकि प्रतिस्पर्धी कीमतों पर वाहनों का विकास कर सके. लेकिन भविष्य की तकनीक और शोध एवं विकास को लेकर सुजुकी के भीतर अनिश्चिता का माहौल है.
वहीं दूसरी तरफ टोयोटा पर्यावरण, सुरक्षा एवं सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में शोध एवं विकास पर काम कर रही है, लेकिन उसे लगता है कि उत्तरी अमेरिका और यूरोप में जब बात अन्य कंपनियों के साथ स्थापना और मानकीकरण के लिए साझेदारी की आती है तो वह अपने प्रतिद्वंदियों से पीछे रह सकती है.
सुजुकी के चेयरमैन ओसामू सुजुकी ने कहा कि यह बेहतर है कि सुजुकी साझेदारी के विचार पर टोयोटा के साथ बात करने में समर्थ है. हम सुजुकी के भविष्य को लेकर बातचीत करेंगे. टोयोटा के अध्यक्ष अकियो टोयोटा ने कहा कि ऑटोमोबाइल क्षेत्र के ईद-गिर्द माहौल तेजी से बदल रहा है. ऐसे में बचे रहने के लिए बदलावों के प्रति ठीक से प्रतिक्रिया देने में समर्थ होना होगा. उन्होंने कहा कि दोनों कंपनियां अलग-अलग शोध एवं विकास कर रही हैं लेकिन जब हम दोनों के लक्ष्य समान हैं तो साथ में काम करना बहुत महत्वपूर्ण है.
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