आलोचनाओं को खारिज करते हुए दास ने कहा कि दर ढांचे को बेहद व्यावहारिक आधार पर तैयार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि दर आवश्यक रूप से राजस्व की दृष्टि से निरपेक्ष होनी चाहिए. आप ऐसा दर ढांचा नहीं बना सकते जिसमें सरकारों को भारी घाटा झेलना पड़े. ऐसे में जीएसटी दरों पर इस तरीके से काम किया जा रहा जिससे कि ज्यादातर उत्पाद मानक दर 18 प्रतिशत के दायरे में आएं.
उन्होंने कहा कि जो उत्पाद बेहद महत्वपूर्ण हैं और विभिन्न वर्गों के लोगों तथा आम आदमी द्वारा जिनका इस्तेमाल किया जाता है, के लिए जीएसटी दर छह प्रतिशत रखने का प्रस्ताव है. इसके अलावा 12 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दर का प्रस्ताव है. अहितकर उत्पादों के लिए अधिक ऊंची दर का प्रस्ताव है. पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कल जीएसटी के लिए बहु दर ढांचे के प्रस्ताव को ‘घातक’ बताया था.
दास ने जोर देकर कहा कि दिवाला कानून के साथ जीएसटी से भारतीय अर्थव्यवस्था में काफी गतिशीलता आयेगी.दास ने कहा कि सरकार जीएसटी को 1 अप्रैल, 2017 से लागू करने को लेकर प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि इसके लिए जो भी तैयारियों की जरुरत है, वह पूरी हो रही हैं. राज्य सरकारें भी इसे 1 अप्रैल से लागू करने को प्रतिबद्ध हैं.
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