नोटबंदी: 2.5 लाख से अधिक की जमा पर देनी होगी आयकर विभाग को रिपोर्ट

नयी दिल्ली : सरकार ने बैंकों तथा डाकघरों से 500 और 1,000 रुपये के नोट पर पाबंदी लगने के बाद इससे बदलने एवं जमा करने के लिये दिये गये 50 दिन की अवधि में बचत खातों में 2.5 लाख रुपये से अधिक तथा चालू खातों में 12.50 लाख रुपये से अधिक की जमा राशि के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 16, 2016 9:13 PM
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नयी दिल्ली : सरकार ने बैंकों तथा डाकघरों से 500 और 1,000 रुपये के नोट पर पाबंदी लगने के बाद इससे बदलने एवं जमा करने के लिये दिये गये 50 दिन की अवधि में बचत खातों में 2.5 लाख रुपये से अधिक तथा चालू खातों में 12.50 लाख रुपये से अधिक की जमा राशि के बारे में आयकर विभाग को रिपोर्ट देने को कहा है.

यहां आज जारी एक अधिसूचना के अनुसार बैंक, सहकारी बैंक तथा डाकघरों को एक दिन में 50,000 रुपये से अधिक या नौ नवंबर से 30 दिसंबर 2016 के दौरान 2.5 लाख रुपये से अधिक की कुल जमा के बारे में कर विभाग को रिपोर्ट देनी होगी. साथ ही इन इकाइयों को इस अवधि के दौरान किसी एक व्यक्ति के एक चालू खाते या कई चालू खातों में इस अवधि के दौरान 12.50 लाख रुपये या उससे अधिक राशि जमा होने पर आयकर विभाग को रिपोर्ट देनी होगी.

वित्त मंत्रालय ने बैंक कंपनी, सहकारी बैंक तथा डाकघरों द्वारा दी जाने वाली वार्षिक सूचना (एनूअल इनफॉर्मेशन रिटर्न) रिपोर्ट से जुड़े संशोधित नियमों को अधिसूचित किया है. अधिसूचना के अनुसार बैंक तथा डाकघरों को इन लेन-देन के संदर्भ में वित्तीय सौदे का विवरण 31 जनवरी 2017 या उससे पहले देना है.

इससे पहले, आयकर विभाग को तभी रिपोर्ट देने की जरूरत होती थी जब किसी खाते में नकद जमा एक वित्त वर्ष में 10 लाख रुपये से पार कर जाती थी. राजस्व विभाग ने 30 दिसंबर तक दी गयी मोहलत अवधि के दौरान बड़ी संख्या में अवैध या काला धन सफेद करने की आशंका के मद्देनजर ताजा दिशानिर्देश जारी किया है.

कर अधिकारियों का मानना है कि लोगों को 500 और 1,000 रुपए के नोटों को जमा करने या उसे बदलने के लिये 50 दिन का जो समय दिया गया है, उसका दुरुपयोग नहीं होना चाहिए और इसीलिए अधिक जमा राशि वाले खातों पर नजर रखने की जरूरत है. जो भी बेहिसाब बड़ी राशि जमा कर रहे हैं, उन्हें कर कानून के तहत उसका परिणाम भुगतना होगा. इसमें 30 प्रतिशत कर, 12 प्रतिशत ब्याज तथा 200 प्रतिशत जुर्माना शामिल हैं.

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