वित्त मंत्री ने कहा कि आज केंद्रीय बैंक के पास मुद्रा का पर्याप्त भंडार है जो सिर्फ 30 दिसंबर तक के लिए ही काफी नहीं है, बल्कि उससे आगे के लिए भी पर्याप्त है. चलन में मौजूद मुद्रा के बारे में पूछे जाने पर जेटली ने कहा कि इसका आंकड़ा 30 दिसंबर को उचित गणना के बाद दिया जाएगा. 30 दिसंबर ही बैंकों में पुराने नोट जमा कराने का आखिरी दिन भी है. उन्होंने कहा, ‘ऐसा हो सकता है कि छापी गयी मुद्रा डाकघरों में गयी हो और फिर बैंकों के पास पहुंची हो और फिर करेंसी चेस्ट में आई हो. ऐसे में दोहरी गिनती की संभावना बनती है. ऐसे में हम आंकड़ों का अनुमान नहीं लगाना चाहते है.’
आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकान्त दास ने कहा कि आठ नवंबर के बाद से करेंसी की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है. रिजर्व बैंक के पास पर्याप्त मुद्रा है जो 30 दिसंबर तक की मांग को पूरा करने के लिए काफी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को 500 और 1,000 का नोट बंद करने की घोषणा करते हुए लोगों से पुराने नोटों को बैंकों में जमा कराने को कहा था. बंद करेंसी आठ नवंबर को चलन में मौजूद कुल मुद्रा का 86 प्रतिशत या 15.45 लाख करोड़ रुपये थी. नोटबंदी से पहले ही सरकार ने 2,000 रुपये के 200 करोड़ नोट छापने की व्यवस्था कर ली थी.
मूल्य के हिसाब से यह मुद्रा चार लाख करोड़ रुपये बैठती है. इसके बाद एक नया 500 रुपये का नोट पेश किया. रिजर्व बैंक की चारो प्रिंटिंग प्रेस मध्य प्रदेश के देवास, महाराष्ट्र के नासिक, पश्चिम बंगाल के सालबोनी तथा कर्नाटक के मैसूरु में युद्धस्तर पर नोट छपाई का काम चल रहा है. जेटली ने कहा कि नोटबंदी के बाद भुगतान के सभी समानान्तर और वैकल्पिक तरीकों मसलन डिजिटल भुगतान, क्रेडिट-डेबिट कार्ड के इस्तेमाल में उल्लेखनीय इजाफा हुआ है.
उन्होंने कहा, ‘डिजिटल लेनदेन में जोरदार बढ़ोतरी हुई है, कुछेक मामलों में तो यह 300 प्रतिशत बढ़ा है. ऐसे मामले जहां आधार कम है, वहां तो इसमें 1,500 प्रतिशत का इजाफा हुआ है.’
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