नयी दिल्ली : मोदी सरकार के इस चौथे बजट में कुल व्यय 21.47 लाख करोड़ रुपये रखा गया है. रक्षा कर्मियों के पेंशन भुगतान को छोड़ कर रक्षा व्यय केलिए 2,74,114 करोड़रुपये रखे गये हैं. इसमें 86,488 करोड़ रुपये पूंजी व्यय होगा. वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा की बजट में योजना और गैर-योजना व्यय के वर्गीकरण को समाप्त कर दिया गया है और अब ध्यान पूंजी और राजस्व व्यय पर होगा. उन्होंने कहा ‘‘मैंने पूंजी खर्च को पिछले साल के मुकाबले 25.4 प्रतिशत बढा दिया है. इसका बहुआयामी प्रभाव होगा और इससे वृद्धि दर तेज होगी.’ उन्होंने कहा, ‘‘राज्यों और विधानसभा वाले संघ शासित प्रदेशों को इस बजट से कुल 4.11 लाख करोड़ रुपये के वित्तीय संसाधन हस्तांतरित होंगे जबकि पिछले बजट में 3.60 लाख करोड़ रुपये के वित्तीय संसाधन हस्तांतरित होने का अनुमान है.’ वित्तीय जवाबदेही एवं बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) समिति की राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का तीन प्रतिशत रखने की कार्ययोजना के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि 2017-18 में यह 3.2 प्रतिशत रहेगा और उसके बाद के वर्ष में तीन प्रतिशत का लक्ष्य हासिल करने के लिये वह प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने कहा, ‘‘इस कार्ययोजना के साथ मैंने सार्वजनिक निवेश के साथ समझौता किये बिना राजकोषीय सुदृढ़ीकरण का अनुपालन किया है.’ बजट में आगामी वित्त वर्ष के दौरान बाजार से शुद्ध उधारी 3.48 लाख करोड़रुपये तक सीमित रहने का अनुमान लगाया गया है जो कि चालू वित्त वर्ष के दौरान 4.25 लाख करोड़ रुपये रही. ‘‘इससे भी महत्वपूर्ण यह है कि वर्ष 2016-17 के बजट में राजस्व घाटा 2.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था, संशोधित अनुमान में यह कम होकर 2.1 प्रतिशत रह गया और अगले वित्त वर्ष में इसके 1.9 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा गया है. खास बात यह है कि एफआरबीएम कानून में इसके 2017-18 तक 2 प्रतिशत रहने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन बजट में यह इससे भी कम रहने का अनुमान है.’
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