कहा यह भी जा रहा है कि मंत्रालय के इस प्रस्ताव को यदि सरकार मान लेती है, तो तेल एवं गैस उत्पादन क्षेत्र की निजी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज को सबसे अधिक फायदा होगा. हालांकि, कहा यह भी जा रहा है कि सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की ओएनजीसी औश्र एस्सार ऑयल को भी इससे फायदा होगा.
इस समूचे घटनाक्रम से जुडे सूत्रों के अनुसार, मूल्य निर्धारण की आजादी मिलने के बाद कंपनियों अपने सीबीएम ब्लॉक से उत्पादन कार्य जल्द शुरू कर सकेंगी. ऐसा होने से निवेशकों के कोयला ब्लॉक छोड़ने के रुख में भी बदलाव आयेगा. कंपनियां गैस के मौजूदा दाम पर वहनीयता के सवाल को लेकर रुचि नहीं दिखा रही हैं. अब तक चार नीलामी दौर और नामांकन आधार पर सीबीएम के 33 ब्लॉक का आवंटन किया जा चुका है, जबकि गैस का उत्पादन इनमें से केवल चार में ही हो रहा है.
मंत्रिमंडल के पास भेजे गये प्रस्ताव में ऐसे ऑपरेटरों को विक्रेता के साथ एक निश्चित दूरी प्रक्रिया को अपनाते हुए सीबीएम गैस की बिक्री बाजार मूलय पर करने की अनुमति देने की बात कही गयी है. मंत्रालय के इस प्रस्ताव से रिलायंस को फायदा होगा, जिसके पास मध्य प्रदेश में दो ब्लॉक हैं और यह उत्पादन शुरु करने की प्रक्रिया में हैं. ओएनजीसी और एस्सार ऑयल को भी इस नई नीति से फायदा होगा. मूल्य निर्धारण की अनुमति मिलने से वह जल्द उत्पादन शुरू कर सकेंगे.
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