नयी दिल्ली : नकदी और एटीएम प्रबंधन कंपनियों को जल्द 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) हासिल करने की अनुमति मिलेगी, क्योंकि उन्हें निजी सुरक्षा एजेंसियां नियमन कानून (पीएसएआरए) का अनुपालन करने की जरूरत नहीं होगी. इस बारे में गृह मंत्रालय द्वारा जल्द स्पष्टीकरण जारी किये जाने की संभावना है.
यह स्पष्टीकरण इसलिए जारी किया जा रहा है, क्योंकि नकदी और एटीएम प्रबंधन कंपनियों में इस कानून के अनुपालन को लेकर असमंजस है. इसके तहत वे सिर्फ 49 प्रतिशत एफडीआइ ले सकती हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि नकदी प्रबंधन करने वाली कंपनियां अब नीतिगत मोर्चे पर असमंजस में हैं. क्योंकि अगर गृह मंत्रालय इन कंपनियों को निजी सिक्योरिटी गार्ड या बख्तरबंद गाड़ियां मुहैया कराती है तो उन्हें 100 प्रतिशत एफडीआइ की अनुमति नहीं दी जा सकती.
गृह मंत्रालय बहुत जल्द दे सकता है स्पष्टीकरण
प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा पिछले महीने बुलायी गयी बैठक में इस मुद्दे पर विचार विमर्श किया गया. एक अधिकारी ने कहा कि बैठक में यह फैसला किया गया कि गृह मंत्रालय को इस बारे में स्पष्टीकरण जारी करने को कहा जायेगा. इससे इन कंपनियों को पीएसएआरए का अनुपालन करने की जरूरत नहीं होगी और वे 100 प्रतिशत एफडीआइ हासिल कर सकेंगे. देश में करीब दर्जनभर नकदी प्रबंधन कंपनियां मसलन राइटर सेफगार्ड, एसआइएस सिक्योरिटीज, सीएमएस, सिक्योर वैल्यू, लाजिकैश, सिक्योरिटियंस और साइंटिफिक सिक्योरिटी मैनेजमेंट सर्विसेज परिचालन कर रही हैं. इस स्पष्टीकरण के बाद मुद्रा की वैधता की पहचान करने या छंटाई करने वाली तथा नोटों को गिनने वाली मशीन बनाने वाली कंपनियों को भी लाभ होगा. टीवीएस इलेक्ट्रानिक्स और आइटीआइ जैसी कंपनियां इस तरह के कारोबार में हैं.
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