कुल 33 विमानों की होगी जांच
एयर इंडिया के बेड़े में कुल 33 बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान हैं. इनमें 26 बोइंग 787-8 और 7 बोइंग 787-9 मॉडल शामिल हैं. कंपनी ने बताया कि बाकी 24 विमानों की सुरक्षा जांच नियामक की तय समयसीमा के भीतर पूरी कर ली जाएगी. यह एक बार की प्रक्रिया है, लेकिन इसमें प्रत्येक विमान की गहन सुरक्षा जांच की जा रही है.
लंबी दूरी की उड़ानों पर पड़ेगा असर
एयर इंडिया ने यह भी स्पष्ट किया कि जांच प्रक्रिया के कारण लंबी दूरी की कुछ उड़ानों में देरी संभव है. खासतौर पर उन हवाई अड्डों पर इसका असर दिख सकता है, जहां फिलहाल परिचालन सीमित है या बंद किया गया है. एयरलाइन ने भरोसा दिलाया है कि सभी यात्रियों को किसी भी संभावित देरी के बारे में समय रहते सूचित किया जाएगा.
ऑपरेशनल मंजूरी से पहले जांच जरूरी
एयर इंडिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पुराना ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा, “बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमानों की जांच तब की जा रही है, जब वे अपने अगले संचालन से पहले भारत लौटते हैं.” इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर विमान उच्चतम सुरक्षा मानकों को पूरा करे.
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सुरक्षा सर्वोपरि, उड़ानों पर अस्थायी असर संभव
डीजीसीए की सख्ती और एयर इंडिया की तत्परता का मतलब है कि यात्री सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है. हालांकि, उड़ानों में थोड़ी बहुत देरी हो सकती है, लेकिन यह कदम भविष्य में किसी भी दुर्घटना से बचाव की दिशा में महत्वपूर्ण है. एयर इंडिया यात्रियों को बेहतर और सुरक्षित सेवा देने के लिए प्रतिबद्ध है.
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