एयर इंडिया से इंडिगो तक कई अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द, यात्री परेशान
Flights Cancelled: एयर इंडिया और इंडिगो समेत कई अंतरराष्ट्रीय उड़ानें तकनीकी और सुरक्षा कारणों से 17 जून को रद्द कर दी गईं, जिससे यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा. हाल ही में लंदन जाने वाली एआई171 ड्रीमलाइनर की दुर्घटना के बाद एयरलाइन जांच के चलते सेवाएं प्रभावित हुई हैं. दिल्ली, मुंबई और अहमदाबाद से रवाना होने वाली उड़ानों पर खासा असर पड़ा. यात्रियों ने अंतिम समय में सूचना मिलने, वैकल्पिक व्यवस्था न मिलने और सहायता डेस्क पर लंबा इंतजार होने की शिकायत की.
By KumarVishwat Sen | June 17, 2025 4:58 PM
Flights Cancelled: अहमदाबाद से मंगलवार दोपहर को लंदन जाने वाली एअर इंडिया और इंडिगो समेत कई एयरलाइन्स की अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द कर दी गईं. कई उड़ानों को रद्द या अस्थायी रूप से निलंबित कर देने की वजह से अंतरराष्ट्रीय यात्राओं पर जाने वाले यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा. यात्रियों को न केवल अंतिम समय पर रद्दीकरण की जानकारी मिली, बल्कि वैकल्पिक विकल्पों की कमी और ग्राहक सहायता की सुस्त प्रक्रिया ने परेशानी और बढ़ा दी.
ड्रीमलाइनर एआई171 हादसे के बाद बढ़ी सख्ती
पिछले सप्ताह एआई171 ड्रीमलाइनर की लंदन उड़ान में हुई त्रासदी के बाद से एयर इंडिया के संचालन पर कई सवाल उठे हैं. हादसे में सभी 241 यात्रियों की मौत के बाद जांच एजेंसियों और डीजीसीए ने सुरक्षा मानकों की जांच तेज कर दी है. इसके परिणामस्वरूप कई सेवाओं को तकनीकी कारणों से अस्थायी रूप से रोका गया है.
किन उड़ानों पर पड़ा असर?
एयर इंडिया के साथ-साथ अजरबैजान एयरलाइंस और इंडिगो जैसी अन्य एयरलाइनों की भी कुछ उड़ानों पर असर पड़ा है. दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद जैसे प्रमुख शहरों से उड़ान भरने वाली सेवाएं सबसे अधिक प्रभावित हुई हैं.
प्रमुख उड़ानों का स्टेटस
यात्रियों की समस्याएं और शिकायतें बढ़ीं
रद्द उड़ानों के कारण यात्रियों को यात्रा की योजना बदलनी पड़ी. कई अंतरराष्ट्रीय यात्रियों ने शिकायत की कि उन्हें उड़ान रद्द होने की सूचना अंतिम समय पर मिली, जिससे न तो वे वैकल्पिक उड़ान बुक कर सके और न ही होटल या वीजा शेड्यूल में बदलाव कर पाए. इसके अलावा, एयरलाइन कॉल सेंटर्स और कस्टमर डेस्क पर लंबी प्रतीक्षा का सामना करना पड़ा.
विशेषज्ञों का मानना है कि सभी उड़ान रद्दीकरण सीधे तकनीकी खामियों से नहीं जुड़े हैं. कुछ मामलों में बेड़े की उपलब्धता, पायलट और केबिन क्रू की कमी या जमी हुई विमानों की संख्या भी एक बड़ा कारण रही.
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