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क्या होता है इकोनॉमिक सर्वे रिपोर्ट
इकोनॉमिक सर्वे रिपोर्ट को वित्त मंत्रालय के द्वारा जारी किया जाता है. इसे भारत में बजट से पहले सबसे पहली बार साल 1950-51 में पेश किया गया था. मोटे तौर पर इस रिपोर्ट में पिछली बजट में सरकार के द्वारा तय लक्ष्यों पर आर्थिक प्रगति और प्रदर्शन का लेखा -जोखा होता है. इसमें देश की अर्थव्यवस्था से जुड़े सभी मुख्य आंकड़ों के संसद में रखा जाता है. रिपोर्ट में एक वित्त वर्ष में महंगाई दर, बुनियादी ढांचे, कृषि और विदेशी मुद्रा भंडार जैसे मुद्दों के रुझानों का पूरा विवरण दिया जाता है. साथ ही, रिपोर्ट में देश के सामने मौजूद चुनौतियों के बारे में भी संसद को बताया जाता है. इस रिपोर्ट को वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों का विभाग मुख्य आर्थिक सलाहकार की देखरेख में तैयार करता है. पूरी रिपोर्ट के सरकार के द्वारा दो भागों में बाटने की परंपरा चलती आ रही है. पहले में देश की वर्तमान आर्थिक स्थिति का पूरा और अपडेट डिटेल दिया जाता है. जबकि, दूसरे भाग में स्वास्थ्य, गरीबी, जलवायु परिवर्तन और मानव विकास सूचकांक जैसे मुद्दों को शामिल किया जाता है.
क्यों नहीं आ रहा है रिपोर्ट
संसद में पेश होने वाला बजट अंतरिम बजट है. इसका अर्थ है कि चुनाव और नये सरकार के गठन तक देश के खर्च का लेखाजोखा इसमें होगा. चुनाव के बाद सरकार बनने पर पूर्ण बजट पेश किया जाएगा. नियम के अनुसार, अंतरिम बजट से पहले इकोनॉमिक रिपोर्ट नहीं आता है. हालांकि, सरकार के द्वारा पेश किया गया The Indian Economy: A Review नामक रिपोर्ट कुछ हद तक इकोनॉमिक सर्वे के बराबर ही है. मगर सरकार के द्वारा ये साफ किया गया है कि रिपोर्ट को मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन के ऑफिस से ही तैयार किया है, मगर ये आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट नहीं है.
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