Budget 2024: कैपिटल एक्सपेंडीचर बढ़ने और टैक्सेशन में अधिक स्टैंडर्डाइज नजरिये की उम्मीद
Budget 2024: मूडीज की अर्थशास्त्री अदिति रमन ने कहा कि अंतरिम बजट में टैक्स रेट को बरकरार रखा गया था, लेकिन नियोजित सरकारी खर्च में किसी भी बढ़ोतरी के साथ ही घाटे को बढ़ने से रोकने के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष कराधान के जरिए अधिक कर लेना होगा. उन्होंने कहा कि फिलहाल भारत की आर्थिक नीति में किसी बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं है.
By KumarVishwat Sen | July 23, 2024 9:01 AM
Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार 23 जुलाई 2024 को लोकसभा में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण बजट पेश करेंगी. इससे पहले बजट से अर्थशास्त्रियों, उद्योगपति और आम लोगों की ढेर सारी उम्मीदें हैं. देश के विभिन्न अर्थशास्त्रियों ने बजट को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सामने और मीडिया को दिए गए इंटरव्यू में अपनी-अपनी राय पेश की है. इसी सिलसिले में मूडीज एनालिटिक्स ने कहा कि मंगलवार को संसद में पेश किए जाने वाले वित्त वर्ष 2024-25 के पूर्ण बजट में पूंजीगत व्यय में वृद्धि हो सकती है. उसने कराधान के लिए अधिक मानकीकृत नजरिया अपनाने की उम्मीद भी जताई. मूडीज एनालिटिक्स की अर्थशास्त्री अदिति रमन ने कहा कि जून में लोकसभा में अपना पूर्ण बहुमत खोने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भाजपा नई गठबंधन सरकार में जनता का भरोसा जगाने की कोशिश करेगी.
आर्थिक नीति में किसी बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं
मूडीज की अर्थशास्त्री अदिति रमन ने कहा कि अंतरिम बजट में टैक्स रेट को बरकरार रखा गया था, लेकिन नियोजित सरकारी खर्च में किसी भी बढ़ोतरी के साथ ही घाटे को बढ़ने से रोकने के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष कराधान के जरिए अधिक कर लेना होगा. उन्होंने कहा कि फिलहाल भारत की आर्थिक नीति में किसी बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं है. चुनाव के बाद का यह बजट पहले तय लक्ष्यों को मजबूती देगा. इससे पहले अंतरिम बजट में बुनियादी ढांचे पर खर्च, विनिर्माण क्षेत्र को समर्थन और राजकोषीय विवेक पर जोर दिया गया था.
मूडीज की एनालिटिक्स ने कहा कि बजट का व्यापार और उपभोक्ता विश्वास पर असर पड़ेगा. बजट बुनियादी ढांचे पर पूंजीगत व्यय और उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन योजनाओं (पीएलआई स्कीम) के लिए वित्त पोषण को बनाए रखेगा या शायद इसे बढ़ा भी सकता है. रमन ने कहा कि बजट में टैक्सेशन के लिए अधिक स्टैंडर्डाइज नजरिये की शुरुआत होने की संभावना है, लेकिन व्यापक जोर नीतियों को जारी रहने पर होगा.