Cabinet Decision: नौकरी पाने वालों को सबसे पहले सरकार देगी पैसा, केंद्रीय कैबिनेट का ऐतिहासिक फैसला

Cabinet Decision: केंद्र सरकार ने पहली बार नौकरी करने वालों को बड़ा तोहफा दिया है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 1.07 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ ईएलआई योजना को मंजूरी दी है. इसके तहत युवाओं को पहली नौकरी पर 15,000 रुपये तक का वेतन सीधे खाते में मिलेगा. नियोक्ताओं को भी नए रोजगार सृजन पर प्रोत्साहन दिया जाएगा. यह योजना दो वर्षों में 3.5 करोड़ नौकरियों के सृजन का लक्ष्य रखती है और आत्मनिर्भर भारत को नई दिशा देने की पहल है.

By KumarVishwat Sen | July 1, 2025 10:18 PM
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Cabinet Decision: देश में नौकरी की तलाश करने और पाने वाले युवाओं को सरकार ने एक बड़ा तोहफा दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 1.07 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है. इस निर्णय के तहत सरकार ने रोजगार लिंक्ड इंसेंटिव (ईएलआई) योजना को मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य देश में रोजगार सृजन को गति देना और पहली बार नौकरी करने वालों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है. इसका मतलब यह हुआ कि नौकरी पाने वालों को सरकार सबसे पहले उसके बैंक खाते में पैसा डालेगी.

ईएलआई योजना का उद्देश्य और लाभ

ईएलआई योजना का लक्ष्य दो वर्षों में 3.5 करोड़ नई नौकरियों का सृजन करना है, जिसमें से 1.92 करोड़ युवा पहली बार कार्यबल में शामिल होंगे. योजना के तहत 15,000 रुपये तक का एक महीने का वेतन पहली बार नौकरी पाने वालों को दिया जाएगा. यह लाभ सीधे आधार ब्रिज भुगतान प्रणाली (एबीपीएस) के जरिए डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) मोड में मिलेगा.

प्लान ए: पहली बार नौकरी करने वालों पर फोकस

सरकार का प्लान ए उन कर्मचारियों के लिए है, जो पहली बार ईपीएफओ के साथ पंजीकृत हो रहे हैं. इन कर्मचारियों को दो किस्तों में 15,000 रुपये तक का प्रोत्साहन वेतन दिया जाएगा. पहली किस्त छह महीने की सेवा के बाद और दूसरी किस्त 12 महीने की सेवा और वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम पूर्ण करने के बाद दी जाएगी. इस योजना का पात्र एक लाख रुपये तक वेतन वाले कर्मचारी होंगे. प्रोत्साहन राशि का एक हिस्सा बचत खाते में लॉक रहेगा, जिसे भविष्य में निकाला जा सकेगा.

प्लान बी: नियोक्ताओं के लिए प्रोत्साहन

सरकार का प्लान बी उन नियोक्ताओं पर केंद्रित है, जो नई भर्तियां करते हैं. अगर कोई नियोक्ता 6 महीने तक एक अतिरिक्त कर्मचारी को काम पर रखता है, तो सरकार उन्हें 3,000 रुपये प्रति कर्मचारी प्रति माह तक प्रोत्साहन देगी. विनिर्माण क्षेत्र के नियोक्ताओं के लिए यह लाभ तीसरे और चौथे वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है. सरकार की ओर से किया जाने वाला भुगतान सीधे नियोक्ता के पैन से जुड़े खातों में भेजा जाएगा.

विनिर्माण और युवाओं पर विशेष ध्यान

सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस योजना के अंतर्गत विनिर्माण क्षेत्र को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि वहां स्थायी रोजगार के अवसर पैदा किए जा सकें. इसके साथ ही, पहली बार नौकरी करने वाले युवाओं को न केवल आर्थिक सहायता दी जाएगी, बल्कि उन्हें वित्तीय साक्षरता के जरिए दीर्घकालिक बचत और सुरक्षा के लिए तैयार भी किया जाएगा.

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आत्मनिर्भर भारत की ओर एक और कदम

केंद्रीय मंत्रिमंडल का यह निर्णय न केवल रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देगा, बल्कि युवाओं के बीच वित्तीय अनुशासन और सुरक्षा की भावना भी विकसित करेगा. इस योजना के माध्यम से भारत सरकार आत्मनिर्भर भारत के सपने को एक नई दिशा देने जा रही है, जहां हर युवा को न केवल नौकरी मिलेगी, बल्कि आर्थिक स्थिरता भी सुनिश्चित की जाएगी.

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