Fake Claim: फेक निकला जीएसटी रजिस्ट्रेशन में देरी और भ्रष्टाचार का दावा, सीबीआईसी ने बताई असली वजह

Fake Claim: CBIC ने सोशल मीडिया पर वायरल उस दावे को फर्जी बताया है, जिसमें जीएसटी पंजीकरण में देरी और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे. बोर्ड ने स्पष्ट किया कि आवेदन हाल ही में दाखिल हुआ है और दस्तावेजों की कमी के कारण प्रक्रिया रुकी हुई है. दिल्ली जीएसटी अधिकारियों की ओर से स्पष्टीकरण दिया गया है कि आवेदक का उत्तर लंबित है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी CBIC की पारदर्शिता की सराहना की.

By KumarVishwat Sen | May 31, 2025 7:45 PM
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Fake Claim: वस्तु एवं सेवाकर (GST) पंजीकरण में देरी और भ्रष्टाचार का सोशल मीडिया में किया गया दावा फर्जी निकला. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने इस दावे को पूरी तरह खारिज करते हुए असली वजह भी बताई है. हाल ही में लिंक्डइन पोस्ट में एक व्यक्ति ने दावा किया कि उसने 20 दिन पहले जीएसटी पंजीकरण के लिए आवेदन किया था, लेकिन अब तक उसे पंजीकरण नहीं मिला. इस पोस्ट को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर भी शेयर किया गया, जिसमें आरोप लगाया गया कि जीएसटी पंजीकरण प्रक्रिया में भ्रष्टाचार हो रहा है.

CBIC ने बताया मामला फर्जी है

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने इस वायरल दावे को फर्जी करार दिया है. CBIC ने एक्स पर स्पष्ट किया कि संबंधित आवेदन 26 मई 2025 को ही दाखिल किया गया था और उसे दिल्ली राज्य जीएसटी विभाग को सौंपा गया था. CBIC ने यह भी बताया कि इस मामले में केंद्रीय जीएसटी विभाग की कोई भूमिका नहीं थी. इसलिए भ्रष्टाचार के आरोप आधारहीन हैं.

आवेदन में दस्तावेज की कमी बनी कारण

CBIC के अनुसार, दिल्ली जीएसटी अधिकारियों ने आवेदन प्राप्त होते ही प्रक्रिया शुरू कर दी थी. हालांकि, कंपनी की ओर से प्रस्तुत रेंट एग्रीमेंट पर हस्ताक्षरकर्ता का पदनाम नहीं था, जिससे आवेदन अधूरा माना गया. CBIC ने स्पष्ट किया कि संबंधित ARN फिलहाल करदाता की ओर से उत्तर लंबित होने के कारण पेंडिंग है. जैसे ही आवेदक आवश्यक विवरण पेश करेगा, उस पर शीघ्र कार्रवाई की जाएगी.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की प्रतिक्रिया

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी CBIC के स्पष्टीकरण को एक्स पर साझा करते हुए लिखा, “CBIC का विस्तृत उत्तर पारदर्शिता को दर्शाता है. करदाताओं को सेवा देना हमारा कर्तव्य है और इसके लिए भरोसा, ईमानदारी और जवाबदेही जरूरी है. मुझे विश्वास है कि सभी विभाग संवेदनशील और उत्तरदायी बने रहेंगे.”

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अफवाहों से बचें, अधिकारिक जानकारी पर भरोसा करें

इस पूरे मामले से यह स्पष्ट है कि सोशल मीडिया पर वायरल हर जानकारी सही नहीं होती. जीएसटी जैसी संवेदनशील प्रक्रियाओं के बारे में कोई भी दावा करने से पहले अधिकारिक स्रोतों से पुष्टि करना आवश्यक है. CBIC और राज्य जीएसटी अधिकारी प्रक्रिया को पारदर्शी और जवाबदेह बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं. इसलिए सोशल मीडिया पर फैले अफवाहों से लोगों को बचना चाहिए और आधिकारिक जानकारी पर ही भरोसा करना चाहिए.

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