FDI रिस्ट्रिक्टेड कंपनियां भी विदेशी निवेशकों जारी कर सकती हैं Bonus Share, ये है शर्त

Bonus Share: सरकार ने स्पष्ट किया है कि एफडीआई प्रतिबंधित क्षेत्रों में काम कर रही भारतीय कंपनियां मौजूदा विदेशी निवेशकों को बोनस शेयर जारी कर सकती हैं, बशर्ते शेयरधारिता में कोई बदलाव न हो. डीपीआईआईटी के नए दिशा-निर्देशों के अनुसार यह प्रक्रिया नियमों और कानूनों के तहत ही मान्य होगी.

By KumarVishwat Sen | April 8, 2025 5:57 PM
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Bonus Share: भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के लिए प्रतिबंधित कंपनियां भी पहले से मौजूद अपने विदेशी निवेशकों को बोनस शेयर जारी कर सकती हैं, लेकिन सरकार ने इस पर कुछ शर्त भी लगाया है. वह यह कि बोनस शेयर जारी करने पर मौजूदा विदेशी निवेशकों की शेयरधारित में कोई बदलाव नहीं होना चाहिए. इसके लिए सरकार की ओर से स्पष्टीकरण भी जारी किया गया है.

बोनस शेयर जारी करने की शर्तें

उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने कहा कि बोनस शेयर जारी करते समय लागू नियमों, कानूनों, विनियमों और दिशानिर्देशों का पालन किया जाना चाहिए. एफडीआई नीति में डीपीआईआईटी के स्पष्टीकरण के अनुसार, ‘‘ एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) के लिए निषिद्ध क्षेत्र या गतिविधि में काम कर रहीं भारतीय कंपनी को अपने पहले से मौजूद अनिवासी शेयरधारकों को बोनस शेयर जारी करने की अनुमति है. बशर्ते कि बोनस शेयर जारी करने के बाद अनिवासी शेयरधारक के शेयरधारिता ‘पैटर्न’ में कोई बदलाव न हो.’’ इसमें कहा गया है कि यह स्पष्टीकरण एफडीआई के लिए प्रतिबंधित क्षेत्रों में काम कर रहीं भारतीय कंपनियों द्वारा मौजूदा विदेशी शेयरधारकों को बोनस शेयर जारी करने की अनुमति के संबंध में है.

FDI के लिए क्या है नियम

देश में अधिकतर क्षेत्रों में ऑटोमैटिक रूट से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति है, जबकि टेलिकॉम, मीडिया, मेडिसिन और इंश्योरेंस जैसे क्षेत्रों में विदेशी निवेशकों के लिए सरकार की मंजूरी की जरूरत पड़ती है. हालांकि, कुछ संवेदनशील क्षेत्रों में विदेशी निवेश पर प्रतिबंध भी है. सरकारी अप्रूवल रूट के तहत विदेशी निवेशक को संबंधित मंत्रालय या विभाग की पूर्व अनुमति लेनी होती है. वहीं, ऑटोमैटिक रूट के तहत विदेशी निवेशक को निवेश करने के बाद केवल भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को सूचित करना होता है.

किस प्रकार की कंपनियों पर लगा है प्रतिबंध

भारत में कुछ क्षेत्र हैं, जहां FDI पूरी तरह से प्रतिबंधित है.

  • लॉटरी व्यवसाय
  • जुआ और सट्टेबाजी
  • चिट फंड
  • निधि कंपनी
  • रियल एस्टेट कारोबार (कुछ अपवादों को छोड़कर)
  • तंबाकू, सिगार और सिगरेट निर्माण

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भारत में FDI क्यों है जरूरी

इन क्षेत्रों में नई विदेशी हिस्सेदारी की अनुमति नहीं है, लेकिन मौजूदा विदेशी निवेशकों को बोनस शेयर दिए जा सकते हैं, अगर नियमों का सही से पालन किया जाए. FDI भारत के बुनियादी ढांचे के विकास, रोजगार सृजन और आर्थिक वृद्धि के लिए अहम स्रोत है. यह रुपये की स्थिरता और विदेशी मुद्रा भंडार को भी मजबूत करता है.

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