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आमिर ने कहा- ‘थैंक्यू अदाणी सर’
आमिर हुसैन को जब जानकारी मिली कि गौतम अदाणी ने उनकी तारीफ और हर संभव मदद की पेशकश की है तो वो काफी खुश हुए. उन्होंने कहा कि मैं समर्थन के लिए अदाणी सर को थैंक्यू कहना चाहता हूं. उन्होंने मुझे इसके लायक समझा. मैंने इसके बारे में ट्वीट देखा और मैं बहुत खुश हूं. मुझे उम्मीद है कि वे इस यात्रा में मेरी मदद करेंगे. सचिन सर ने कल भी ट्वीट किया था. ये मेरे लिए बड़े खुशी की बात है. मुझे उम्मीद है कि हमें कुछ मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि महान लोग मेरे लिए ट्वीट करेंगे. मैं बहुत खुश हूं. मुझे लगता है कि मुझे मेरे संघर्ष के लिए पुरस्कृत किया जा रहा है. मैं उन्हें धन्यवाद देना चाहता हूं. मैं अपनी खुशी व्यक्त नहीं कर सकता. मैं बता नहीं सकता कि मैं कितना खुश हुआ. मैं इंतजार कर रहा हूं कि वह हमें मिलने के लिए कब बुलाएंगे. मेरे सपने पूरे हो रहे हैं. आमिर हुसैन की पत्नी शोकजी जान ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मैं सचिन तेंदुलकर और गौतम अदाणी सर को धन्यवाद देना चाहती हूं, जिन्होंने आमिर का समर्थन किया. मेरे पास अपनी खुशी व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं.
आठ साल की उम्र में आमिर ने खो दिया था हाथ
34 वर्षीय क्रिकेटर आमिर ने एक हादसे में अपना हाथ हादसे में खो दिया. वो जब केवल आठ साल के थे तो अपने पिता के मिल में एक दुर्घटना के शिकार हो गए. बाद में, उनके शौक के एक शिक्षक को जानकारी मिली, जिसके बाद आमिर हुसैन का परिचय पैरा क्रिकेट से हुआ. वो साल 2013 से प्रोफेशनल क्रिकेट खेल रहे हैं. आमिर सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली के फैन हैं और उन्हें उम्मीद है कि एक दिन वह उनसे जरूर मिलेंगे. आमिर ने कहा कि सचिन और विराट हमारे पसंदीदा खिलाड़ी हैं और अगर भगवान ने चाहा तो हम जल्द ही उनसे मिलेंगे. अपने बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने 2013 में दिल्ली में नेशनल खेला और 2018 में मैंने बांग्लादेश के खिलाफ एक अंतरराष्ट्रीय मैच खेला. उसके बाद, मैंने नेपाल, शारजाह और दुबई में क्रिकेट खेला. मुझे अपने पैरों से गेंदबाजी और कंधे और गर्दन से बल्लेबाजी करते हुए देख हर कोई हैरान था. आमिर कंधे और गर्दन की मदद से बल्ला पकड़ते हैं और बल्लेबाजी करते हैं.
आमिर के खेल की होती है तारीफ
आमिर ने आगे कहा कि मैं जहां भी क्रिकेट खेलने जाता हूं, वहां मेरी तारीफ होती है. मुझे लगता है कि यह भगवान की कृपा है कि मेरी कड़ी मेहनत सफल हुई. पैरों से गेंदबाजी करना वास्तव में कठिन है लेकिन मैंने सभी कौशल और तकनीकें सीख ली हैं. मैं हर काम अपने दम पर करता हूं और मैं भगवान के अलावा किसी पर निर्भर नहीं हूं.
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