Gold Price: सोना 1,350 रुपये टूटा, चांदी 5,000 रुपये गिरकर 1 लाख से नीचे

Gold Price: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से दुनिया के 60 देशों पर टैरिफ लगाने की वजह से सोने और चांदी की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई. विशेषज्ञ बताते हैं कि सोना-चांदी की कीमतों में गिरावट के पीछे वैश्विक व्यापार तनाव और आयात शुल्क जैसे कारण हैं. निवेशकों को बाजार की अस्थिरता पर नजर रखनी चाहिए और बाजार के उतार-चढ़ाव के अनुसार रणनीति बनानी चाहिए.

By KumarVishwat Sen | April 4, 2025 9:04 PM
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Gold Price: अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कमजोर रुख के चलते सोने और चांदी की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई है. शुक्रवार को दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोना 1,350 रुपये लुढ़ककर 93,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया, जिससे पांच दिनों से जारी तेजी का सिलसिला टूट गया. वहीं, चांदी की कीमत 5,000 रुपये गिरकर 95,500 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई.

सोने की कीमतों में गिरावट

  • 99.9% शुद्धता वाला सोना गुरुवार को 94,350 रुपये प्रति 10 ग्राम की नई ऊंचाई पर पहुंचा था, लेकिन शुक्रवार को इसमें गिरावट आई.
  • 99.5% शुद्धता वाला सोना 1,350 रुपये लुढ़ककर 92,550 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया.
  • वैश्विक बाजार में हाजिर सोना 21.74 डॉलर (0.70%) टूटकर 3,093.60 डॉलर प्रति औंस रह गया.

चांदी के दाम में भारी गिरावट

  • चांदी की कीमत 5,000 रुपये गिरकर 95,500 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई.
  • यह चार महीनों में सबसे बड़ी गिरावट मानी जा रही है.
  • पिछले कारोबारी सत्र में चांदी 1,00,500 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी.
  • एशियाई बाजारों में हाजिर चांदी 1.69% गिरकर 31.32 डॉलर प्रति औंस रह गई.

ट्रंप के टैरिफ से सोना कीमतों में गिरावट का कारण

अबांस फाइनेंशियल सर्विसेज के CEO चिंतन मेहता ने कहा, “अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से विभिन्न देशों पर आयात शुल्क लगाने के फैसले से सोने की मांग में गिरावट आई है.” निवेशकों का ध्यान अब वैश्विक व्यापार और आर्थिक प्रभावों पर केंद्रित हो गया है. इससे व्यापारिक भावना कमजोर हुई है, जिससे कीमती धातुओं की कीमतों पर असर पड़ा है.

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मेहता इक्विटीज के VP (जिंस) राहुल कलंत्री ने कहा, “सोने की कीमतें एक सप्ताह में अपने निचले स्तर पर आ गई हैं, जबकि चांदी पांच सप्ताह के निचले स्तर पर पहुंच गई है. हालांकि, ट्रंप के बयान के बाद बाजार में हल्की तेजी दिखी थी.”

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निवेशकों के लिए क्या करें?

  • अल्पकालिक निवेशकों को कीमतों में स्थिरता आने का इंतजार करना चाहिए.
  • लंबी अवधि के निवेशकों के लिए यह खरीदारी का मौका हो सकता है.
  • अंतरराष्ट्रीय कारकों जैसे कि डॉलर इंडेक्स, फेडरल रिजर्व की नीतियां और वैश्विक व्यापार तनाव को ध्यान में रखना जरूरी है.

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