GST : परामर्श बैठक में वित्तमंत्री और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों में हूई Indirect Tax पर बात

GST : मंगलवार को विभिन्न उद्योगों के प्रतिनिधियों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से अप्रत्यक्ष करों को कम करने और शुल्क ढांचे को सरल बनाने का अनुरोध किया.

By Pranav P | June 25, 2024 6:42 PM
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GST : मंगलवार को विभिन्न उद्योगों के प्रतिनिधियों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से अप्रत्यक्ष करों को कम करने और शुल्क ढांचे को सरल बनाने का अनुरोध किया, ताकि अर्थव्यवस्था को मदद मिल सके. वित्त मंत्री और उद्योग प्रतिनिधियों के साथ बैठक करीब दो घंटे तक चली. बैठक के दौरान प्रतिनिधियों ने सरकार से यह सुनिश्चित करने को कहा कि बजट में उनके उद्योगों का ध्यान रखा जाए.

GST : ब्याज समानीकरण योजना को 5 साल और बढ़ाने का दिया गया सुझाव

फियो के अध्यक्ष अश्विनी कुमार ने वित्त मंत्री को ब्याज समानीकरण योजना को अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ाने का सुझाव दिया, बता दे की यह योजना वर्तमान में 30 जून, 2024 तक वैध है. अश्विनी ने बताया कि अगर ब्याज समानीकरण योजना योजना को अगले पांच साल के लिए बढ़ा सकें तो यह बहुत अच्छा होगा. पिछले दो सालों में रेपो दर 4.4 प्रतिशत से बढ़कर 6.5 प्रतिशत हो गई है, जिससे ब्याज दरों में बढ़ोतरी आ गई है. MSME क्षेत्र में निर्माताओं की मदद करने के लिए  छूट दरों को तीन से पांच प्रतिशत तक बहाल करने पर सोच विचार किया जा सकता है. अश्विनी कुमार ने यह भी सुझाव दिया कि विदेशी माल पर  निर्भरता कम करने और  विदेशी मुद्रा बचाने के लिए एक प्रसिद्ध भारतीय शिपिंग कंपनी का होना एक अच्छा विचार होगा.

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चीन से आयातित वस्तुओं पर पुनर्विचार होना चाहिए

बैठक के बाद, रिलायंस इंडस्ट्रीज के पेट्रोकेमिकल उद्योग के प्रमुख अजय सरदाना ने कहा कि उन्होंने सरकार को पेट्रोकेमिकल उद्योग में चीन से आयातित वस्तुओं पर शुल्क पर पुनर्विचार करने को कहा. सरदाना ने चीन की अतिरिक्त क्षमता और भारत में उत्पादों को जिस सस्ते दामों पर बेचा जा रहा है उसके बारे में चिंता व्यक्त की. उन्होंने घरेलू उत्पादन क्षमता को बढ़ावा देने के लिए शुल्क प्रणाली की समीक्षा का सुझाव दिया. वहीं श्री सीमेंट के चेयरमैन एच एम बांगर ने कहा कि सरकार को पूंजीगत व्यय पर अधिक खर्च करना चाहिए ताकि सीमेंट उद्योग को लाभ हो.

नैस्कोम ने दिए सुझाव

बैठक में साफ्टवेयर कंपनियों के समूह नैस्कोम के उपाध्यक्ष और सार्वजनिक नीति प्रमुख आशीष अग्रवाल ने बताया कि वे ट्रांसफर प्राइसिंग नियमों को सरल बनाने पर विचार कर रहे हैं ताकि अधिक से अधिक उद्योग उनका लाभ उठा सकें. उन्होंने व्यावसायिक संचालन को आसान बनाने के लिए अग्रिम मूल्य निर्धारण समझौता प्रणाली में सुधार की आवश्यकता के बारे में भी बात की.

45 दिन की भुगतान अवधि एक अच्छा कदम

गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के उपाध्यक्ष संदीप इंजीनियर ने  बताया कि उन्होंने लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए आवाज उठाई, उन्होंने 45 दिन की भुगतान अवधि एक अच्छा कदम बताया है, लेकिन उन्होंने समय-सीमा में कुछ बदलाव करने की मांग की है. उन्होंने वित्त मंत्री के साथ बातचीत में एमएसएमई इकाइयों को फिर से परिभाषित करने और एलएलपी और एचएनआई के लिए करों को सुव्यवस्थित करने का विचार रखा.

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