Hindenburg Research के संस्थापक नाथन एंडरसन ने बुधवार रात अपनी कंपनी के बंद होने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि यह फैसला काफी विचार-विमर्श के बाद लिया गया. हालांकि, उन्होंने कंपनी बंद करने का कोई खास कारण नहीं बताया. हिंडनबर्ग रिसर्च की शुरुआत 2017 में हुई थी और इसके द्वारा प्रकाशित कई रिपोर्टों ने प्रमुख कंपनियों जैसे अडाणी ग्रुप और इकान इंटरप्राइजेज को अरबों डॉलर का नुकसान पहूंचाया.
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— Hindenburg Research (@HindenburgRes) January 15, 2025
अदाणी ग्रुप और SEBI पर आरोप
अगस्त 2024 में हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की जिसमें SEBI प्रमुख माधबी पुरी बुच पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने अदाणी ग्रुप द्वारा किए गए वित्तीय घोटालों में इस्तेमाल की गई ऑफशोर एंटिटीज में हिस्सेदारी रखी थी. रिपोर्ट में दावा किया गया कि माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच के पास एक ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी, जिसमें गौतम अदाणी के भाई विनोद अदाणी ने भारी निवेश किया था.
नाथन एंडरसन का बयान
नाथन एंडरसन ने अपनी घोषणा में कहा, “मैं यह निर्णय खुशी से ले रहा हूं. यह मेरा जीवन का सपना था और शुरू में मुझे नहीं पता था कि क्या इसे संभव बनाना संभव होगा. इस यात्रा ने मुझे व्यक्तिगत संतोष प्रदान किया है और अब मैं इसे एक अध्याय मानता हूं.” उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग के काम की तीव्रता और उस पर केंद्रित ध्यान ने उनके जीवन में अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया था.
हिंडनबर्ग का कार्यक्षेत्र
हिंडनबर्ग रिसर्च का मुख्य उद्देश्य शेयर बाजार, इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव्स पर रिसर्च करना था. इसका उद्देश्य यह पता लगाना था कि कहीं कोई कंपनी शेयर बाजार में गलत तरीके से पैसों की हेराफेरी तो नहीं कर रही या अकाउंट्स में गड़बड़ी तो नहीं हो रही. इसके द्वारा किए गए अनुसंधान के बाद, विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की जाती थी, जो कई बार शेयर बाजार पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालती थी.
आगे का रास्ता और टीम के साथ विचार
नाथन एंडरसन ने कहा कि अब वह अपनी टीम के भविष्य पर ध्यान केंद्रित करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी लोग अपनी भविष्य की दिशा में सफल हों. उन्होंने यह भी साझा किया कि कुछ टीम के सदस्य अपनी स्वयं की रिसर्च फर्म शुरू करने जा रहे हैं, और उन्होंने इन नई पहलों का सार्वजनिक रूप से समर्थन किया.
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