आजादी के 73 सालों में कितनी बदल गई देश की अर्थव्यवस्था, जानिए 1947 से अब तक जीडीपी ग्रोथ में कितना हुआ बदलाव?
GDP growth during 73 years of independence : आज हम सभी आजादी की 74वीं सालगिरह मना रहे हैं. बीते 73 सालों में देश ने अपार प्रगति की है और लगातार प्रगति के पथ पर अग्रसर है. इस दौरान सरकारें और परिस्थितियां बदलती रहीं. मगर, देश में केवल सरकारें और परिस्थितियां ही नहीं बदलती रहीं, बल्कि आर्थिक परिदृश्य में भी भारी परिवर्तन हुआ. साल 1947 में जब हमारा देश आजाद हुआ था, तब भारत में दुनिया की जीडीपी का केवल 3 फीसदी या लगभग 2.7 लाख करोड़ रुपये की आर्थिक वृद्धि दर्ज की गयी थी. हालांकि, देश में आर्थिक प्रगति के लिए आजादी के करीब चार साल बाद सरकार की ओर से वर्ष 1951 में पहली पंचवर्षीय योजना का शुभारंभ किया गया. लेकिन, पूरे एक दशक तक पहली पंचवर्षीय योजनाओं के क्रियान्वयन के नतीजों की रिपोर्ट पर गौर करें, तो वर्ष 1961 से लेकर अब तक देश की आर्थिक प्रगति में बहुत बड़ा बदलाव आया है. आइए, जानते हैं कि किन-किन वर्षों में हमारे देश के जीडीपी ग्रोथ में बड़ा बदलाव आया...?
By Prabhat Khabar Digital Desk | August 15, 2020 11:54 AM
GDP growth during 73 years of independence : आज हम सभी आजादी की 74वीं सालगिरह मना रहे हैं. बीते 73 सालों में देश ने अपार प्रगति की है और लगातार प्रगति के पथ पर अग्रसर है. इस दौरान सरकारें और परिस्थितियां बदलती रहीं. मगर, देश में केवल सरकारें और परिस्थितियां ही नहीं बदलती रहीं, बल्कि आर्थिक परिदृश्य में भी भारी परिवर्तन हुआ. साल 1947 में जब हमारा देश आजाद हुआ था, तब भारत में दुनिया की जीडीपी का केवल 3 फीसदी या लगभग 2.7 लाख करोड़ रुपये की आर्थिक वृद्धि दर्ज की गयी थी. हालांकि, देश में आर्थिक प्रगति के लिए आजादी के करीब चार साल बाद सरकार की ओर से वर्ष 1951 में पहली पंचवर्षीय योजना का शुभारंभ किया गया. लेकिन, पूरे एक दशक तक पहली पंचवर्षीय योजनाओं के क्रियान्वयन के नतीजों की रिपोर्ट पर गौर करें, तो वर्ष 1961 से लेकर अब तक देश की आर्थिक प्रगति में बहुत बड़ा बदलाव आया है. आइए, जानते हैं कि किन-किन वर्षों में हमारे देश के जीडीपी ग्रोथ में बड़ा बदलाव आया…?
भारत के जीडीपी ग्रोथ रेट में कब कितना हुआ बदलाव?
वर्ष 1961 में भारत का जीडीपी ग्रोथ रेट 3.72 फीसदी पर थी.
वर्ष 1962 में इसमें करीब 0.79 फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी और यह 2.93 फीसदी पर पहुंच गयी.
हालांकि, 1963 में इसमें करीब 3.06 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गयी और यह 5.99 फीसदी के स्तर तक आ गयी.
वर्ष 1964 में भारत के जीडीपी ग्रोथ रेट में करीब 1.46 फीसदी यानी 7.45 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गयी.
वर्ष 1964 के दौरान भारत में भारी अकाल पड़ा था. इस अकाल की वजह से देश के लाखों लोगों की जानें चली गयी थीं. तब अमेरिका जैसे धनाढ्य देश भारत को आर्थिक सहायता के साथ ही पौष्टिक खाद्यान्न भी मुहैया कराते थे. इसी का नतीजा रहा कि वर्ष 1965 में सालाना 10.09 फीसदी की गिरावट के साथ भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट माइनस 2.64 फीसदी पर पहुंच गयी.
वर्ष 1964 के अकाल का असर भारत के जीडीपी ग्रोथ पर केवल एक वित्त वर्ष तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि वर्ष 1966 में भी यह माइनस 0.06 फीसदी तक पहुंच गया.
मानसून अनकूल और कृषि आधारित भारतीय अर्थव्यवस्था में जब अकाल का दौर करीब-करीब खत्म हो गया और देश में सामान्य तरीके से वर्षा होने लगी, हरित क्रांति का प्रभाव दिखने लगा, तब वर्ष 1967 में भारत का जीडीपी ग्रोथ रेट 7.83 फीसदी तक पहुंच गया.
वर्ष 1971 में अचानक भारत के जीडीपी ग्रोथ में गिरावट दर्ज की गयी और यह 1.64 फीसदी पर पहुंच गया.
वर्ष 1972 में भारत की जीडीपी में 0.55 गिरावट दर्ज की गयी.
हालांकि, वर्ष 1973 में यह 3.30 फीसदी पर पहुंच गया.
वर्ष 1974 में यह फिर 1.19 फीसदी पर पहुंच गया.
जब देश में इमरजेंसी लागू की गयी थी, तब देश की जीडीपी ग्रोथ रेट 9.15 फीसदी थी.
लेकिन, वर्ष 1976 में यह धड़ाम हो गयी और यह 1.66 फीसदी के स्तर तक गिर गयी.
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