Income Tax: सावधान! अगर किया ये पांच काम, तो घर आएगा आयकर विभाग का नोटिस, अभी जानें पूरी बात

Income Tax: आपकी लापरवही या गलती से आयकर विभाग आपको तुरंत नोटिस भेज सकता है. ऐसे में आपको इन पांच कामों को करने से बचना चाहिए.

By Madhuresh Narayan | January 10, 2024 7:37 AM
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Income Tax: आयकर विभाग के द्वारा टैक्स चोरी या हेराफेरी करने वालों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. सरकार नकद लेनदेन के साथ आपके ऑनलाइन ट्रांजैक्शन पर भी नजर रख रही है. आपकी लापरवही या गलती से आयकर विभाग आपको तुरंत नोटिस भेज सकता है. ऐसे में आपको इन पांच कामों को करने से बचना चाहिए.

बैंक खाते में नकद रकम जमा करना

सेंट्रल बोर्ड डायरेक्ट टैक्स (CBDT) के नियमों के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख रुपये या उससे अधिक नकद रकम जमा करता है, तो इसकी सूचना आयकर विभाग को प्रदान की जाती है. अगर रकम व्यक्ति के एक से अधिक खातों में जमा किया गया हो तो भी पैन और आधार नंबर एक होने से पैसा जमा होने की सूचना विभाग को मिल जाती है. ऐसे में, आयकर विभाग आपसे रक़म के सोर्स के बारे में पूछ सकता है.

फिक्स्ड डिपॉजिट में नकद रकम जमा करना

अगर आप एक वित्तीय वर्ष में दस लाख रुपये से ज्यादा की रकम का नकद या खाते एफडी के कराते हैं तो इसकी जमा लेनदेन पर आयकर विभाग आपको नोटिस भेजकर आय या रुपये के श्रोत के बारे में जानकारी ले सकता है. सही जानकारी नहीं देने पर कार्रवाई कर सकता है.

शेयर, म्यूचुअल फंड, डिबेंचर या बांड की खरीद

बहुत से लोग शेयर, म्यूचुअल फंड, डिबेंचर या बॉन्ड खरीद उसमें निवेश करना एक अच्छा विकल्प मानते हैं. इस तरह के निवेश से पैसे बचाने की आदत भी विकसित होती है. लेकिन, अगर कोई शेयर, म्यूचुअल फंड, डिबेंचर या बॉन्ड खरीदने के लिए बड़ी मात्रा में नकद रक़म का उपयोग करते है, तो इसकी जानकारी आयकर विभाग को दी जाती है. यदि कोई व्यक्ति ऐसे किसी भी निवेश के विकल्प में 10 लाख रुपये या उससे अधिक का लेनदेन करता है, तो इसकी जानकारी आयकर विभाग तक सूचित की जाती है.

क्रेडिट कार्ड बिल पर भुगतान

क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल आज कल आम बात हो गई है और कई बार तो यूजर्स का बिल लाखों रूपए में जमा हो जाता है. लेकिन, अगर आपका मंथली क्रेडिट कार्ड बिल 1 लाख रुपये से अधिक है और इसका भुगतान नकद रक़म में करना चाहते हैं, तो भी आयकर विभाग आप से आपके पैसे के सोर्स के बारे में पूछ सकता है. यदि , अगर आप ऑनलाइन या ऑफलाइन किसी भी माध्यम से एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख रुपये या उससे ज्यादा का भुगतान करते हैं, तो आयकर विभाग आपसे सवाल कर सकता है और आपके पैसों का सोर्स क्या है.

संपत्ति से संबंधित लेन-देन

शहरों और टियर-2 शहरों में रियल एस्टेट की कीमतें बहुत ज्यादा हैं, और बड़ी रक़म का लेनदेन आम बात है. लेकिन, अगर आप प्रॉपर्टी खरीदते समय 30 लाख रुपये या उससे ज्यादा की नकद रक़म से लेनदेन कर रहे हैं तो आयकर विभाग से सावधानी बनाए रहें. संपत्ति रजिस्ट्रार से आयकर विभाग को सूचित करता है, जो बदले में आपसे पैसो के सोर्स के बारे में पूछ सकता है.

(इनपुट-शुभम)

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