भर गया सरकार का खजाना, विदेशी मुद्रा भंडार में जोरदार इजाफा

Forex Reserves: 11 अप्रैल 2025 को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 1.57 अरब डॉलर बढ़कर 677.83 अरब डॉलर हो गया. RBI के अनुसार, यह लगातार छठा सप्ताह है जब भंडार में वृद्धि हुई है. विदेशी मुद्रा आस्तियों और सोने के भंडार में बढ़त मुख्य कारण रहे.

By KumarVishwat Sen | April 18, 2025 7:40 PM
an image

Forex Reserves: भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार मजबूती की ओर बढ़ रहा है. 11 अप्रैल 2025 को समाप्त सप्ताह में देश के फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व में 1.57 अरब डॉलर की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जिससे कुल भंडार 677.83 अरब डॉलर पर पहुंच गया. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने यह जानकारी शुक्रवार को साझा की.

लगातार छठे हफ्ते आई बढ़त

RBI की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, इससे पहले 4 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में भंडार में 10.87 अरब डॉलर की बढ़त हुई थी. यह लगातार छठा सप्ताह है, जब भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में इजाफा हुआ है. सितंबर 2024 में यह भंडार अब तक के सर्वोच्च स्तर 704.89 अरब डॉलर तक पहुंचा था.

विदेशी मुद्रा आस्तियां का योगदान अधिक

विदेशी मुद्रा भंडार में सबसे बड़ा योगदान विदेशी मुद्रा आस्तियों (Foreign Currency Assets – FCA) का होता है. 11 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में FCA में 89.2 करोड़ डॉलर की वृद्धि हुई, जिससे यह 574.98 अरब डॉलर तक पहुंच गई. FCA में अमेरिकी डॉलर के अलावा यूरो, येन और पाउंड जैसी मुद्राएं भी शामिल होती हैं, जिनका मूल्य भी इसमें प्रभाव डालता है.

सोने के भंडार में भी अच्छा इजाफा

RBI के आंकड़ों के मुताबिक, इस सप्ताह सोने के भंडार में 63.8 करोड़ डॉलर की वृद्धि दर्ज की गई है, जिससे कुल स्वर्ण भंडार 79.99 अरब डॉलर पर पहुंच गया. वैश्विक बाजार में सोने की कीमतों में मजबूती और निवेशकों के बीच इसके सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में लोकप्रियता इसका कारण है.

SDR और IMF में हुआ आंशिक बदलाव

विशेष आहरण अधिकार (SDR) में इस सप्ताह 60 लाख डॉलर की गिरावट दर्ज की गई, जिससे यह 18.36 अरब डॉलर रह गया. वहीं, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में भारत का भंडार 4.3 करोड़ डॉलर की वृद्धि के साथ 4.50 अरब डॉलर हो गया.

इसे भी पढ़ें: भारत के 90% लोग नहीं जानते किस ट्रेन में मिलता है फ्री खाना? यात्री साथ लाते हैं बर्तन

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार वैश्विक अस्थिरताओं के बावजूद स्थिर और मजबूत बना हुआ है. निर्यात, विदेशी निवेश और मुद्रा विनिमय दरों में स्थिरता इसके मुख्य कारण हैं. यह न केवल आर्थिक आत्मनिर्भरता को दर्शाता है, बल्कि वैश्विक निवेशकों का भारत की अर्थव्यवस्था में भरोसा भी दर्शाता है.

इसे भी पढ़ें: Satellite Toll: सैटेलाइट टोल 1 मई से लागू नहीं होगा, सरकार ने दी सफाई

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें

Business

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version