GDP Growth Rate: भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर वर्ष 2021-22 में 8.9 प्रतिशत रहेगी. देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही अक्टूबर-दिसंबर में 5.4 प्रतिशत रही. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने सोमवार को जो आंकड़े जारी किये, उसमें कहा गया है कि पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 0.7 प्रतिशत थी.
पहले अनुमान में NSO ने कहा था- जीडीपी वृद्धि दर रहेगी 9.2 फीसदी
एनएसओ के दूसरे अग्रिम अनुमान में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2021-22 में भारतीय जीडीपी वृद्धि दर 8.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है. जनवरी में जारी पहले अग्रिम अनुमान में कहा गया था कि मौजूदा वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत रह सकती है. लेकिन, इसके उलट वर्ष 2020-21 में इसमें 6.6 प्रतिशत की गिरावट आयी थी. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में तुलनात्मक आधार कमजोर होने से अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 20.3 प्रतिशत रही थी.
दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर रही 8.5 फीसदी
दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 8.5 प्रतिशत थी. उल्लेखनीय है कि चीन की आर्थिक वृद्धि दर अक्टूबर-दिसंबर, 2021 तिमाही में 4 प्रतिशत रही है. बता दें कि 8 बुनियादी उद्योगों का उत्पादन जनवरी, 2022 में 3.7 प्रतिशत बढ़ा है. एक साल पहले इसी अवधि में बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर 1.3 प्रतिशत रही थी. आधिकारिक आंकड़ों में कहा गया है कि कोयला, प्राकृतिक गैस और सीमेंट क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन की वजह से बुनियादी उद्योगों का उत्पादन बेहतर रहा है.
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कच्चे तेल और उर्वरक उत्पादन में गिरावट
जनवरी में कच्चे तेल और उर्वरक उत्पादन में गिरावट दर्ज की गयी. दिसंबर, 2021 में बुनियादी उद्योगों का उत्पादन 4.1 प्रतिशत बढ़ा था. चालू वित्त वर्ष के पहले 10 माह (अप्रैल-जनवरी) के दौरान 8 बुनियादी उद्योगों (कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली क्षेत्र) की वृद्धि दर 11.6 प्रतिशत रही है. पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में बुनियादी उद्योगों का उत्पादन 8.6 प्रतिशत घटा था. आंकड़ों के अनुसार, जनवरी में कोयला उत्पादन 8.2%, प्राकृतिक गैस 11.7%, रिफाइनरी उत्पाद 3.7% और सीमेंट 13.6% बढ़ा.
खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी में बढ़कर 5.84 प्रतिशत पर
औद्योगिक कर्मचारियों की खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी में बढ़कर 5.84 प्रतिशत पर पहुंच गयी. मुख्य रूप से कुछ खाने का सामान महंगा होने से महंगाई दर बढ़ी है. श्रम मंत्रालय ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा, ‘जनवरी महीने में सालाना आधार पर मुद्रास्फीति बढ़कर 5.84 प्रतिशत पहुंच गयी, जो इससे पिछले महीने दिसंबर 2021 में 5.56 प्रतिशत थी. वहीं, एक साल पहले जनवरी, 2021 में यह 3.15 प्रतिशत थी.
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सीपीआई-आईडब्ल्यू जनवरी में 0.3 फीसदी घटा
बयान के अनुसार, आलोच्य महीने में खाद्य मुद्रास्फीति 6.22 प्रतिशत रही, जो इससे पूर्व दिसंबर महीने में 5.93 प्रतिशत थी. एक साल पहले जनवरी, 2021 में यह 2.38 प्रतिशत थी. आंकड़ों के अनुसार, अखिल भारतीय सीपीआई-आईडब्ल्यू (औद्योगिक कर्मचारियों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) जनवरी, 2022 में 0.3 अंक घटकर 125.1 अंक रहा. यह दिसंबर, 2021 में 125.4 अंक था. एक माह में प्रतिशत बदलाव के आधार पर पिछले महीने के संदर्भ में इसमें 0.24 प्रतिशत की कमी आयी.
खाद्य और पेय पदार्थों की वजह से मुद्रास्फीति सूचकांक में बदलाव
मौजूदा सूचकांक में बदलाव का मुख्य कारण खाद्य और पेय पदार्थ समूह का योगदान है. कुल बदलाव में इसकी 0.82 प्रतिशत अंक की हिस्सेदारी है. जिंसों के आधार पर ताजा मछली, सरसों तेल, सेब, गाजर, प्याज, आलू आदि के कारण सूचकांक नीचे आया. हालांकि, मकान किराया, चावल, गेहूं, मांस आदि के दामों में तेजी ने गिरावट पर अंकुश लगाया. केंद्र स्तर पर पुडुचेरी में सर्वाधिक 7.3 प्रतिशत की कमी आयी. दूसरी तरफ, लुधियाना में सबसे अधिक 2.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. (एजेंसी इनपुट के साथ)
Posted By: Mithilesh Jha
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