नए ऑर्डर्स और निर्यात ने दी मजबूती
अप्रैल में पीएमआई में तेज उछाल के पीछे प्रमुख कारणों में से एक नए घरेलू और अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर्स की वृद्धि रही.
- विदेशी मांग में 14 वर्षों की सबसे बड़ी छलांग देखी गई.
- ऑर्डर्स में यह वृद्धि अफ्रीका, एशिया, यूरोप, पश्चिम एशिया और अमेरिका से आई.
- कुल बिक्री में सुधार वैश्विक मांग के मजबूत संकेत हैं.
- कंपनियों ने बताया कि वित्त वर्ष 2025–26 की शुरुआत सकारात्मक रही है.
एचएसबीसी की मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा कि यह ट्रेंड भारत के उत्पादन केंद्र के रूप में उभरने की ओर संकेत करता है.
रोजगार, क्रय और मूल्य निर्धारण में बढ़ोतरी
विनिर्माण गतिविधियों में तेजी के साथ कई अन्य क्षेत्रों में भी उछाल देखा गया.
- रोजगार के अवसरों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई.
- कंपनियों की क्रय गतिविधियां बढ़ीं, जो आने वाले महीनों में उत्पादन क्षमता को बल देंगी.
- बिक्री मूल्य अक्टूबर 2013 के बाद सबसे अधिक बढ़े, जिससे कंपनियों की प्राइसिंग पावर मजबूत हुई.
- कच्चे माल की लागत में केवल मामूली वृद्धि दर्ज की गई.
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आने वाले महीनों के लिए सकारात्मक संकेत
अप्रैल के आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि कंपनियां आने वाले महीनों में मजबूत मांग की उम्मीद कर रही हैं. विपणन रणनीतियों, संचालन में दक्षता और नए ग्राहकों से पूछताछ के चलते उत्पादन संभावनाएं उज्ज्वल नजर आ रही हैं.
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