Market Matka: ट्रंप की टैरिफ से बाजार सतर्क, जानें कितना बढ़ा किसका शेयर

Market Matka: ट्रंप की टैरिफ नीति को लेकर बढ़ती अटकलों और भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता की प्रतीक्षा में 8 जुलाई 2025 को निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया. इसके बावजूद सेंसेक्स 270 अंक और निफ्टी 61 अंक की बढ़त के साथ बंद हुए. कोटक महिंद्रा बैंक, जोमैटो और एशियन पेंट्स जैसे शेयरों में सबसे ज्यादा उछाल देखा गया. विशेषज्ञों के अनुसार, संभावित व्यापार समझौते को लेकर निवेशकों की धारणा सतर्क लेकिन आशावादी बनी हुई है. अमेरिकी फैसलों ने बाजार को रक्षात्मक बनाए रखा.

By KumarVishwat Sen | July 8, 2025 4:54 PM
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Market Matka: अमेरिका की ओर से टैरिफ पर भारत के साथ चल रही वार्ता के बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए ऐलान के बाद निवेशकों के सतर्क रुख की वजह से मंगलवार 8 जुलाई, 2025 को भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव का दौर जारी रहा. पूरे कारोबारी सत्र के दौरान निवेशक रक्षात्मक रुख अख्तियार करते हुए समीक्षा करते रहे. कारोबार के आखिर में बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 0.32% या 270.01 अंक उछलकर 83,712.51 अंक पर पहुंचकर बंद हुआ. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी 0.24% या 61.20 अंकों की बढ़त के साथ 25,522.50 अंक पर पहुंच गया.

बीएसई में टॉप गेनर शेयर

  • कोटक महिंद्रा बैंक: 3.61%
  • जोमैटो: 1.89 %
  • एशियन पेंट्स: 1.69 %
  • नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन: 1.64%
  • भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड: 1.20%
  • अदाणी पोर्ट्स: 0.94%
  • भारतीय स्टेट बैंक: 0.72%
  • एचडीएफसी: 0.72%
  • इन्फोसिस: 0.69%
  • लार्सन एंड टुब्रो: 0.68 %
  • टेक महिंद्रा: 0.64%
  • टाटा मोटर्स: 0.64%
  • पावरग्रिड: 0.63 %
  • अल्ट्राटेक सीमेंट: 0.55 %
  • बजाज फिनसर्व: 0.54%
  • आईसीआईसीआई: 0.42%
  • बजाज फाइनेंस: 0.31%
  • आईटीसी: 0.22%

एनएसई के टॉप गेनर शेयर

  • कोटक महिंद्रा बैंक: 3.45%
  • जोमैटो: 1.97%
  • एशियन पेंट्स: 1.85%
  • नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन: 1.63%
  • ग्रासिम: 1.28%

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क्या कहते हैं एक्सपर्ट

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के रिसर्च हेड विनोद नायर के अनुसार, “भारतीय इक्विटी बाजार काफी हद तक सीमित रहा, क्योंकि निवेशक भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर निश्चित प्रगति की प्रतीक्षा कर रहे थे. हालांकि, संभावित सौदे को लेकर भावना सतर्क रूप से आशावादी बनी हुई है, लेकिन औपचारिक पुष्टि की कमी ने नई खरीद गतिविधि को रोक दिया है. इसके अलावा, प्रमुख व्यापारिक भागीदारों पर 25% टैरिफ लागू करने की समय सीमा बढ़ाने के अमेरिकी निर्णय ने निवेशकों को अधिक रक्षात्मक दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित किया है.”

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