Budget 2025: हिमाचल प्रदेश में बढ़े दूध के दाम, सुक्खू सरकार का बजट में ऐलान

Budget 2025: हिमाचल प्रदेश के सालाना बजट 2025 में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य की वित्तीय स्थिति को सुधारने, रोजगार के अवसर बढ़ाने और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से स्थिर विकास की दिशा में कई योजनाओं की घोषणा की है. राज्य सरकार का उद्देश्य धार्मिक, पर्यावरणीय, और प्राकृतिक खेती से संबंधित क्षेत्रों को बढ़ावा देना है. साथ ही दुग्ध उत्पादन को प्रोत्साहित कर किसानों की आय में वृद्धि करना है.

By KumarVishwat Sen | March 17, 2025 4:31 PM
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Budget 2025: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए राज्य का वार्षिक बजट सोमवार को पेश किया. इस बजट में कई महत्वपूर्ण घोषणाओं के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश में दूध के दाम (Milk Price) में बढ़ोतरी की भी घोषणा की गई. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस साल राज्य को वित्तीय चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि राजस्व घाटा और वस्तु एवं सेवाकर (GST) मुआवजा में कमी आई है.

बजट में हिमाचल प्रदेश सरकार की प्रमुख घोषणाएं

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने बजट भाषण में धार्मिक और पर्यावरण के अनुकूल पर्यटन को बढ़ावा देने पर जोर दिया. राज्य सरकार का लक्ष्य है कि कम चर्चित पर्यटन स्थलों को लोकप्रिय बनाया जाए और चाय बागानों को पर्यावरण के अनुकूल गंतव्यों के रूप में विकसित किया जाए. इसके साथ ही, उन्होंने हिमाचल प्रदेश के ऋण में वृद्धि की जानकारी दी, जो अब बढ़कर 1,04,729 करोड़ रुपये हो गया है.

हिमाचल प्रदेश में दूध के दामों में बढ़ोतरी

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गाय और भैंस के दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी करने की घोषणा की है. अब गाय के दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य 51 रुपये प्रति लीटर और भैंस के दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य 61 रुपये प्रति लीटर होगा. हिमाचल प्रदेश में पहले गाय का दूध 45 रुपये और भैंस का दूध 55 रुपये किलो बिकता था. इन दोनों पशुओं के दूध में सरकार की ओर से 6 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है. यह बढ़ोतरी राज्य के दुग्ध उत्पादकों के लिए महत्वपूर्ण कदम है.

कच्ची हल्दी के उत्पादन के लिए किसानों को आर्थिक सहायता

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार 1 लाख किसानों को इस दिशा में लाने का लक्ष्य रखेगी. वर्तमान में लगभग 1.58 लाख किसान प्राकृतिक खेती अपना चुके हैं. इसके साथ ही, कच्ची हल्दी उगाने वाले किसानों को 90 रुपये प्रति किलोग्राम का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलेगा.

रोजगार और नशे की लत से निपटने के उपाय

मुख्यमंत्री ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA) के तहत कार्यरत श्रमिकों की दैनिक मजदूरी में 20 रुपये की बढ़ोतरी की घोषणा की, जिससे अब यह 300 रुपये से बढ़कर 320 रुपये प्रति दिन हो गई है. इसके अलावा, हिमाचल प्रदेश में नशे की लत से निपटने के लिए विशेष कार्यबल (एसटीएफ) के गठन की घोषणा भी की गई है.

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पर्यावरण और इलेक्ट्रिक वाहनों पर फोकस

हिमाचल प्रदेश में सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के बढ़ावे की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. 2025-26 में 500 इलेक्ट्रिक बसों की खरीद की जाएगी और शिमला रोपवे परियोजना अगले वित्तीय वर्ष में शुरू की जाएगी, जो राज्य के पर्यावरणीय दृष्टिकोण से एक बड़ा कदम है.

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