इसके पहले गुरुवार की सुबह ही प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर सरकार के फैसले की आलोचना की. उन्होंने वित्त मंत्री को संबोधित करते हुए अपने ट्वीट में लिखा, ‘निर्मला जी यह भी हमें बता दें कि किसकी “Oversight” से यह आदेश निकले और ऐसे समय में जब भाजपा लोगों को लुभाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है यह आदेश कैसे निकल गया.’
दिग्विजय सिंह ने अपने ट्वीट में आगे लिखा कि चुनाव के डर से मोदीशाहनिर्मला सरकार ने अपना गरीब व आम आदमी की Small Savings की ब्याज दर का निर्णय बदल दिया. धन्यवाद. लेकिन निर्मला जी यह वादा भी कर दीजिए कि चुनाव हो जाने के बाद भी आप फिर से ब्याज दर नहीं घटाएंगीं. उन्होंने लिखा कि मोदीशाहभाजपा शासन काल में मज़दूरों और सेवारत कर्मियों पर ही गाज गिरती है। उनकी गाढ़ी कमाई की जमा राशि पर ब्याज दरें कम कर दी गई है.
गौरतलब है कि सरकार ने बुधवार को पीपीएफ और एनएससी समेत छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में 1.1 फीसदी तक की कटौती करने का फैसला किया था. यह कटौती आज यानी एक अप्रैल से शुरू 2021-22 की पहली तिमाही के लिए की गई है. ब्याज दर में घटने के रुझान के अनुरूप यह कदम उठाया गया है. वित्त मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, पीपीएफ पर ब्याज 0.7 फीसदी कम कर 6.4 फीसदी जबकि एनएससी पर 0.9 फीसदी कम कर 5.9 फीसदी कर दी गई है.
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Posted by : Vishwat Sen
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