धीरूभाई अंबानी के निधन के बाद बने कंपनी के चेयरमैन
अंबानी रिलायंस के निदेशक मंडल में 1977 से हैं और जुलाई, 2002 में अपने पिता और समूह के संस्थापक धीरूभाई अंबानी के निधन के बाद कंपनी के चेयरमैन बन गए थे. शेयरधारकों को भेजे गए विशेष प्रस्ताव में रिलायंस ने कहा कि उसके निदेशक मंडल ने 21 जुलाई, 2023 को मुकेश अंबानी को प्रबंध निदेशक के तौर पर आगे पांच साल के लिए नियुक्ति करने को मंजूरी दे दी है. प्रस्ताव में कहा गया कि अंबानी ने वित्त वर्ष 2008-09 से वित्त वर्ष 2019-20 तक अपना वार्षिक पारिश्रमिक 15 करोड़ रुपये तय किया था. इसके बाद वित्त वर्ष 2020-21 के बाद से उन्होंने कोविड-19 महामारी के कारण अपना वेतन छोड़ने का विकल्प चुना. वित्त वर्ष 2020-21 से लगातार तीन वर्षों तक उन्हें कोई वेतन और लाभ-आधारित कमीशन का भुगतान नहीं किया गया है. प्रस्ताव में कहा गया कि अंबानी के अनुरोध पर बोर्ड ने सिफारिश की है कि 19 अप्रैल, 2024 से 18 अप्रैल, 2029 तक प्रस्तावित अवधि के लिए उन्हें कोई वेतन या लाभ-आधारित कमीशन का भुगतान नहीं किया जाएगा.
Also Read: Onion Price: टमाटर के बाद प्याज निकालेगा आंसू, अलग सकती है कीमत में आग, जानें क्या है कारण
रिलायंस रिटेल ने बीते वित्त वर्ष में एक अरब लेनदेन का आंकड़ा किया पार
रिलायंस रिटेल ने वित्त वर्ष 2022-23 में एक अरब लेनदेन का आंकड़ा पार कर लिया। रिलायंस इंडस्ट्रीज की वार्षिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई. वित्त वर्ष 2022-23 में रिलायंस रिटेल के डिजिटल कॉमर्स व नए कॉमर्स व्यवसायों ने इसके 2.60 लाख करोड़ रुपये के राजस्व में 18 प्रतिशत का योगदान दिया. कंपनी ने समीक्षाधीन अवधि में 3,300 नई दकुानें खोलीं। अब उसकी कुल 18,040 दुकानें हैं. रिलायंस इंडस्ट्रीज की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार कि वित्त वर्ष 2022-23 में कारोबार सालाना आधार पर 42 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ एक अरब के लेनदेन के आंकड़े को पार कर गया. दुकानों में 78 करोड़ से अधिक ग्राहक आए, जो सालाना आधार पर 50 प्रतिशत अधिक है.
Also Read: Stock Market Cap: RBI का ब्याज दर तय करेगी बाजार की दिशा, 7 कंपनियों का मार्केट कैप एक लाख करोड़ रुपये घटा
खुदरा, दूरसंचार के बाद रिलायंस की नजरें वित्तीय सेवाओं, नए ऊर्जा कारोबार पर
सबसे कम समय में भारत का सबसे बड़ा खुदरा विक्रेता व दूरसंचार संचालक बनाने के बाद अरबपति मुकेश अंबानी की निगाहें अब अपनी वित्तीय सेवा कंपनी जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (जेएफएसएल) के जरिए देश के सबसे बड़े गैर-बैंकिंग ऋणदाता के रूप में आगे बढ़ाने पर है. रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की हालिया वार्षिक रिपोर्ट में अंबानी ने कहा कि जियो फाइनेंशियल सर्विसेज (जेएफएस) लिमिटेड, डिजिटल और खुदरा कारोबारों के कौशल का लाभ उठाया जाएगा. उन्होंने कहा कि कंपनी कि रिलायंस की तकनीकी क्षमताओं का लाभ उठाएगी. अंबानी ने कहा कि डिजिटल रूप से वित्तीय सेवाएं प्रदान करने वाली इकाई भारतीय नागरिकों की वित्तीय सेवाओं तक पहुंच कायम करेगी. इसके जल्द ही सूचीबद्ध होने की उम्मीद है. रिलायंस की 28 अगस्त को वार्षिक शेयरधारकों की बैठक में इस पर मार्गदर्शन मिल सकता है. जेएफएस की रिलायंस में 6.1 प्रतिशत हिस्सेदारी है। कंपनी ने संयुक्त उद्यम स्थापित करने के लिए ब्लैकरॉक के साथ पिछले महीने साझेदारी की घोषणा की थी.
Also Read: Business News Live: ग्लोबल बाजार में सुस्ती का भारतीय बाजार पर दिखेगा असर, फ्लैट हो सकती है शुरूआत
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.