Cryptocurrency: बिटकॉइन से घर खरीदना होगा आसान, क्रिप्टो को मिलेगा कानूनी दर्जा, लेकिन पेंच भी फंसा है

Cryptocurrency: अमेरिका में क्रिप्टोकरेंसी को संपत्ति मानकर होम लोन देने की तैयारी शुरू हो गई है. बिटकॉइन जैसी डिजिटल संपत्तियों को अब मॉर्गेज में शामिल किया जा सकेगा. हालांकि, सिर्फ अमेरिकी रेगुलेटेड एक्सचेंज में रखी क्रिप्टो ही मान्य होगी, जिससे एक शर्त जुड़ी है.

By Abhishek Pandey | July 15, 2025 12:46 PM
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Cryptocurrency: अमेरिका में घर खरीदने की प्रक्रिया अब क्रिप्टोकरेंसी होल्डर के लिए लिए आसान हो सकती है. अमेरिकी सरकार ने देश की प्रमुख मॉर्गेज एजेंसियों Fannie Mae और Freddie Mac को निर्देश दिया है कि वे अपने व्यवसायों को इस दिशा में तैयार करें, जिससे क्रिप्टोकरेंसी को मॉर्गेज एप्लिकेशन में संपत्ति (Asset) के रूप में स्वीकार किया जा सके.

यह जानकारी Federal Housing Finance Agency (FHFA) के प्रमुख विलियम “बिल” पल्टे ने सोशल मीडिया पर साझा की. उन्होंने लिखा, “राष्ट्रपति ट्रंप की अमेरिका को क्रिप्टो की राजधानी बनाने की सोच के अनुरूप, मैंने Fannie Mae और Freddie Mac को निर्देशित किया है कि वे क्रिप्टो को संपत्ति के रूप में मान्यता देने की तैयारी करें.”

पहले क्या था नियम?

अब तक क्रिप्टोकरेंसी को मॉर्गेज आवेदन में वित्तीय संपत्ति के रूप में मान्यता नहीं दी जाती थी. आवेदकों को पहले अपनी क्रिप्टो संपत्ति को बेचकर उस धनराशि को पारंपरिक बैंक खाते में जमा कराना पड़ता था. यह दिशा-निर्देश बाइडेन प्रशासन के तहत जारी किया गया था, जिसमें क्रिप्टो को अत्यधिक अस्थिर माना गया था.

क्या बदलेगा नए नियमों से?

अब क्रिप्टो को स्टॉक्स और बॉन्ड्स जैसी अन्य संपत्तियों के साथ जोड़ा जा सकेगा. यानी यदि आपकी क्रिप्टोकरेंसी किसी अमेरिका स्थित और विनियमित एक्सचेंज में सुरक्षित है, तो आप उसे सीधे अपने होम लोन आवेदन में शामिल कर सकते हैं. ध्यान देने वाली बात यह है कि अगर आपकी क्रिप्टो संपत्ति किसी प्राइवेट वॉलेट या विदेशी एक्सचेंज में है, तो उसे मान्यता नहीं दी जाएगी.

स्व-रोजगार वालों के लिए राहत

इस कदम से सबसे अधिक फायदा फ्रीलांसरों, स्टार्टअप मालिकों और क्रिप्टो निवेशकों को हो सकता है जिनकी आमदनी नियमित नहीं होती है. पारंपरिक लोन प्रक्रियाओं में स्थिर नकद आरक्षित दिखाना जरूरी होता है, लेकिन अब डिजिटल संपत्तियां भी इस आवश्यकता को पूरा कर सकती हैं.

FHFA ने Fannie और Freddie दोनों को निर्देश दिया है कि वे क्रिप्टो से जुड़े जोखिमों को कम करने की रणनीति बनाएं. इसका मतलब यह है कि लेंडर्स क्रिप्टो की घोषित वैल्यू पर डिस्काउंट लागू कर सकते हैं और अतिरिक्त डॉक्यूमेंटेशन जैसे एक्सचेंज रिकॉर्ड, स्थिरता का प्रमाण मांग सकते हैं.

नियम लागू होने में लगेगा समय

यह प्रक्रिया अभी शुरुआत में है. Fannie Mae और Freddie Mac को पहले अपने प्रस्ताव तैयार करने होंगे, फिर उन्हें बोर्ड से मंजूरी दिलानी होगी और अंततः FHFA को अंतिम समीक्षा के लिए भेजना होगा. इसके बाद ही यह व्यवस्था लागू हो पाएगी. और यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब अमेरिका में Fannie Mae और Freddie Mac को निजी क्षेत्र में लौटाने की योजना पर काम चल रहा है. ये दोनों कंपनियां पिछले 17 वर्षों से सरकार के नियंत्रण में थीं. कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इन कंपनियों के निजीकरण से उधारी महंगी हो सकती है, लेकिन डिजिटल फाइनेंस को शामिल करने से बाजार में नई ऊर्जा भी आ सकती है.

भारत का रुख अब भी स्पष्ट नहीं

जहां अमेरिका क्रिप्टो को औपचारिक मान्यता देने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, वहीं भारत में क्रिप्टोकरेंसी अब भी न तो भुगतान माध्यम के रूप में स्वीकृत है और न ही किसी नियामक संस्था द्वारा नियंत्रित. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कई बार क्रिप्टो को लेकर चेतावनी जारी की है. भारत में बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी को लीगल टेंडर नहीं माना जाता और सरकार इसकी स्थिति को लेकर अभी तक स्पष्ट कानून नहीं लाई है. हालांकि भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स लागू है.

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