शिक्षा बनाम रक्षा बजट: आंकड़े चौंकाने वाले
पाकिस्तान में जहां रक्षा पर 2,122 अरब रुपये खर्च होंगे, वहीं शिक्षा के लिए कुल बजट केवल 1,637 अरब रुपये रखा गया है. इसमें पंजाब को 670 अरब, सिंध को 454 अरब, केपी को 362.7 अरब और बलूचिस्तान को सिर्फ 150 अरब रुपये आवंटित किए गए हैं. बजट में उसका यह आवंटर स्पष्ट रूप से बता रहा है कि शहबाज शरीफ सरकार की प्राथमिकता सामाजिक कल्याण नहीं, सैन्य ताकत है.
पाकिस्तान का जीडीपी कमजोर
नेशनल टैक्स सर्विस पाकिस्तान की ओर से सोशल मीडिया मंच एक्स (पहले ट्विटर) पर साझा की गई. पोस्ट में बताया गया कि पाकिस्तान के वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब ने यह बजट पेश किया, जिसमें टैक्स विस्तार, 2.44% जीडीपी वृद्धि का लक्ष्य और सबसे अहम 20% रक्षा बजट वृद्धि को प्रमुख रूप से दर्शाया गया है. पोस्ट में यह भी कहा गया कि औद्योगिक गतिविधियों में सुधार के बावजूद जीडीपी अभी कमजोर है.
भारत के साथ बढ़ते तनाव बने कारण
रक्षा बजट में वृद्धि के पीछे मुख्य कारणों में भारत-पाकिस्तान तनाव और आतंकी घटनाएं शामिल हैं. अप्रैल 2022 के पहलगाम हमले में 26 नागरिक मारे गए थे. इस हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत सैन्य कार्रवाई की थी. इसके चलते पाकिस्तान अपनी सैन्य क्षमताओं को आधुनिक बनाने पर अधिक ध्यान दे रहा है.
आईएमएफ की शर्तों से टकराव की आशंका
आईएमएफ की ओर से दिए जा रहे 7 अरब डॉलर के राहत पैकेज की शर्तों के तहत राजकोषीय अनुशासन और गैर-जरूरी खर्चों में कटौती अनिवार्य है. ऐसे में रक्षा बजट में वृद्धि सीधे-सीधे इन शर्तों का उल्लंघन कर सकती है, जिससे अगली किश्त पर असर पड़ सकता है.
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सेना का आधुनिकीकरण कर रहा पाकिस्तान
मीडिया की रिपोर्ट में यह भी बताया जा रहा है कि बढ़े हुए रक्षा बजट से पाकिस्तान सरकार जे-35ए लड़ाकू विमान, नई मिसाइल प्रणाली और साइबर रक्षा प्रौद्योगिकी पर जोर दे सकती है. हालांकि, परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों के लिए अलग से बजट निर्धारित होता है, जिससे कुल सैन्य व्यय और बढ़ जाता है.
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