किसे होगा फायदा: डॉ़ कुमार के मुताबिक 1 जनवरी 1996, 1 जनवरी 2006 और 1 जनवरी 2016 के बाद पेंशन-फैमिली पेंशन पा रहे लोगों की पेंशन रिवाइज की जाएगी. कुछ ऐसे मामले हैं, जहां कम्प्लसरी रिटायरमेंट पेंशन या कंपेशनेट अलाउंस उस दर पर दिया गया जो पूरी पेंशन से कम है, वहां इसे आनुपातिक रिवीजन के तहत लागू किया जाएगा. फैमिली पेंशन की रकम में कोई कमी नहीं की जाएगी. देश में करीब 15 लाख रेल पेंशनभोगी हैं. इसके साथ ही रेल मंत्रालय ने पेंशनभोगियों को पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DOP & PW) के अधिकार क्षेत्र में लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
क्या पड़ेगा फर्क: सरकार की मंजूरी का मतलब है कि पेंशन नियम, जो केंद्र सरकार के सभी पूर्व कर्मचारियों को नियंत्रित करते हैं, रेलवे अधिकारियों पर भी लागू होंगे. अब तक, विभाग के संगठनात्मक ढांचे के कारण, पेंशन रेल मंत्रालय द्वारा प्रशासित रेलवे सेवा (पेंशन) नियम, 1993 द्वारा शासित होते थे. हालांकि नियमों के दो सेटों में समानताएं हैं.
कार्मिक, लोक शिकायत एवं कानून एवं न्याय संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने पेंशन नियमों में बदलाव का प्रस्ताव पेश किया था. अब उनके डेटा को भविष्य पोर्टल के साथ एकीकृत किया जाएगा. साथ ही पेंशनभोगियों को वेबसाइट पर भी पंजीकरण करना पड़ सकता है. इस कदम से पेंशनभोगियों को त्वरित शिकायत निवारण प्रणाली तक पहुंचने में लाभ होगा.
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