पेट्रोलियम पदार्थों पर राज्यस्तरीय करों (वैट) की दरों में विभिन्नताओं के चलते इनके भावों में बढ़ोतरी कुछ अलग-अलग हो सकती है. दिल्ली में इन चौदह दिनों की मूल्य वृद्धि से पहले डीजल की सबसे ऊंची दर 16 अक्टूबर 2018 को थी. उस समय इसका भाव प्रति लीटर 75.69 रुपये था. इसी तरह, चार अक्टूबर 2018 को यहां पेट्रोल 84 रुपये पर था, जो इसकी अब तक की उच्चतम दर है.
Also Read: Petrol Diesel Today Price : पेट्रोल डीजल की कीमत में लगातार 13वें दिन बढ़ोतरी, जानें आपके शहर में आज का भाव
गौरतलब है कि देश में कोविड-19 महामारी के बढ़ते संक्रमण की वजह से लागू लॉकडाउन के दौरान पेट्रोलियम पदार्थों को बेचने वाली कंपनियों ने पिछले 7 जून से पहले 82 दिन तक पेट्रोलियम पदार्थों के मूल्यों में किसी प्रकार का संशोधन नहीं किया था. सरकार की ओर से बीते 1 जून से देश में आर्थिक गतिविधियों को तेज करने के लिए लॉकडाउन में दी गयी ढील के इन कंपनियों ने बीते 7 जून के बाद से पेट्रोलियम पदार्थों के मूल्यों की समीक्षा और संशोधन करना शुरू कर दिया है, जिसकी वजह से पूरे देश में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में तेजी का रुख बना हुआ है.
14 मार्च को सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क प्रति लीटर तीन-तीन रुपये बढ़ाए थे. इसके बाद फिर पांच मई को पेट्रोल पर शुल्क 10 रुपये तथा डीजल पर 13 रुपये और बढ़ा दिया गया था.
वहीं, अगर कच्चे तेल की बात करें, तो अंतरराष्ट्रीय मार्केट में ब्रेंट क्रूड करीब 42 डॉलर प्रति बैरल के आसपास कारोबार कर रहा है. बीते 31 मई को इसकी कीमत 35.33 डॉलर प्रति बैरल थी. पिछले 20 दिनों में ब्रेंट क्रूड करीब 7 डॉलर प्रति बैरल महंगा हो गया है. शुक्रवार को बंद हुए कारोबार में यह 41.96 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ था.
Posted By : Vishwat Sen
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.