यूक्रेन के साथ युद्ध के बीच कच्चे तेल की कीमतों में आयी उछाल को देखते हुए रूस ने चेतावनी दी है कि क्रूड ऑयल के भाव 300 रुपये प्रति बैरल तक पहुंच सकते हैं. इसके अलावा रूस ने कहा है कि रूस-जर्मनी गैस पाइपलाइन भी बंद हो सकता है. सोमवार को एशिया में ब्रेंट कच्चा तेल दिन में कारोबार के दौरान 12 प्रतिशत से ज्यादा चढ़ गया, जबकि मानक अमेरिकी कच्चा तेल करीब 10 डॉलर बढ़कर 125 डॉलर प्रति बैरल के स्तर को पार कर गया.
दिन में एक वक्त अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 139.13 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गया था. लंदन में यह 9.22 डॉलर की तेजी के साथ 127.33 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था. न्यूयॉर्क में अमेरिकी कच्चा तेल 9.70 डॉलर बढ़कर 125.38 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। इस तरह कच्चा तेल 2008 के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया.
वहीं, क्रूड ऑयस की बढ़ी कीमतों के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन रूस पर प्रतिबंध और अमेरिका और यूरोप में रूस से तेय आयात बंद करने के कारण यहां तेल की कीमतें आसमान छूने लगी हैं. उन्होंने कहा कि 2008 के बाद यह पहला मौका है जब क्रूड ऑयल की कीमत अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं हैं.
इधर, रूस का कहना है कि, रूस से तेल आयात नहीं करने से दुनिया के सामने घातक परिणाम हो सकते हैं. उन्होंने कहा इससे तेल की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोत्तरी हो सकती है. उन्होंने कहा कि कच्चे तेल के दाम 300 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकते हैं.
Posted by Pritish Sahay
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