PhonePe: भारत की अग्रणी वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) कंपनी फोनपे ने घोषणा की है कि वह खाता एग्रीगेशन (Account Aggregation – AA) कारोबार से बाहर निकल रही है. कंपनी ने यह फैसला इसलिए लिया, क्योंकि वह उम्मीद के मुताबिक अपने मंच पर पर्याप्त वित्तीय साझेदार (Financial Information Providers – FIPs) नहीं जोड़ सकी.
खाता एग्रीगेशन बिजनेस से बाहर क्यों हुई फोनपे?
फोनपे को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से एनबीएफसी-एए लाइसेंस मिला था, जिससे उसे यूजर्स की सहमति से उनकी वित्तीय जानकारी एक्सेस और साझा करने की अनुमति थी. इस सेवा के तहत फोनपे विभिन्न बैंकिंग और वित्तीय संस्थानों से जुड़े डेटा को सुरक्षित रूप से एक्सेस कर सकती थी और यूजर्स को बेहतर लोन, बीमा और क्रेडिट कार्ड जैसी सेवाएं प्रदान कर सकता था.
एफआईपी को नहीं जोड़ पाई फोनपे
फोनपे ने स्वीकार किया कि वह अपने मंच पर उतने वित्तीय सूचना प्रदाताओं (एफआईपी) को नहीं जोड़ पाई, जितनी इसकी जरूरत थी. प्रतिस्पर्धात्मक प्राथमिकताओं और बाजार की गतिशीलता को ध्यान में रखते हुए फोनपे ने खाता एग्रीगेटर बिजनेस से बाहर निकलने का निर्णय लिया.
फोनपे का अगला कदम क्या होगा?
फोनपे ने स्पष्ट किया है कि वह अब बाजार में उपलब्ध अन्य खाता एग्रीगेटर (एए) कंपनियों के साथ साझेदारी करेगी, बजाय इसके कि वह खुद इस सेवा को संचालित करे. इस फैसले के तहत फोनपे जल्द ही अपने रजिस्टर्ड 5 करोड़ यूजर्स से संपर्क करेगा और उन्हें इस बदलाव के बारे में जानकारी देगा. कंपनी यह भी सुनिश्चित करेगी कि उसके यूजर्स इस बदलाव से किसी भी प्रकार से प्रभावित न हों और नियामकीय दिशानिर्देशों के अनुरूप उन्हें आवश्यक सहायता मिले.
फोनपे को कब मिला था एए लाइसेंस?
फोनपे को जून 2023 में आरबीआई से एनबीएफसी-एए लाइसेंस प्राप्त हुआ था. यह सेवा यूजर्स को एक ही मंच पर अपने विभिन्न बैंक खातों, लोन, निवेश और अन्य वित्तीय डेटा को ट्रैक करने की सुविधा देती थी. हालांकि, अब फोनपे ने इस बिजनेस को बंद करने का फैसला कर लिया है.
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यूजर्स सर्विस में सुधार करेगी फोनपे
फोनपे का खाता एग्रीगेटर बिजनेस से बाहर निकलना भारतीय फिनटेक उद्योग में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है. हालांकि, कंपनी ने इस क्षेत्र से हटने का फैसला किया है, लेकिन वह अब अन्य एए प्लेटफॉर्म्स के साथ साझेदारी करके यूजर्स को बेहतर वित्तीय सेवाएं देने पर ध्यान केंद्रित करेगी.
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