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म्यूचुअल फंड कम निवेश में कई स्टाॅक और बाॅन्ड की सुविधा देता है
...किसी भी दिन कितने भी म्यूचुअल फंड खरीदा और बेचा जा सकता हैं
कई अलग-अलग क्षेत्रों में कर सकते हैं निवेश
Mutual Fund Investment, Market Risk, Rate of Intrest, Kaise Kare Nivesh: बीते कुछ वर्षों में म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश कई गुना बढ़ा है. निवेश का यह विकल्प आम निवेशकों को भी आकर्षित कर रहा है, जिसकी वजह है इसमें मिलनेवाला अच्छा रिटर्न. कोरोना महामारी की वजह से आयी आर्थिक मंदी के बावजूद कुछ म्यूचुअल फंड्स ने अच्छा प्रदर्श किया. निवेश सलाहकारों की मानें, तो 2021 में भी कुछ म्यूचुअल फंड्स से बेहतरीन मुनाफे की उम्मीद है. आप अगर नये निवेशक हैं, तो अपने निवेश पोर्टफाेलियो में कुछ अच्छे फंड्स जोड़ सकते हैं. लेकिन, निवेश शुरू करने के पहले म्यूचुअल फंड के सभी पहलुओं का बारीकी से अध्ययन कर लें.
न्यूनतम 500 रुपये से कर सकते हैं निवेश: म्यूचुअल फंड में आप न्यूनतम 500 रुपये से निवेश शुरू कर सकते हैं. इसमें जीवनसाथी या बच्चों के नाम पर भी निवेश करने का विकल्प है. अगर आप अपने 18 साल से कम उम्र के बच्चे के नाम पर निवेश करते हैं, तो आपको अपनी पूरी जानकारी देनी होगी. म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू करने के लिए सबसे पहले केवाइसी करानी होगी. आपको पहले यह तय करना होगा कि आप कितना जोखिम उठा कर किस प्रकार के म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं.
फंड चुनते समय देखें ये बातें: म्यूचुअल फंड का चुनाव करते समय उसके प्रदर्शन और दूसरे फंड से उसकी तुलना करके देखें. यह भी देखें कि फंड मैनेज करनेवाली कंपनी का ट्रैक रिकॉर्ड कैसा है और वह कब से फंड मैनेज कर रही है. यह भी देखना चाहिए कि वो म्यूचुअल फंड किसी एक क्षेत्र में अपना पैसा लगा रहा है या अलग-अलग में? देखें कि कितना पैसा इक्विटी में लगाया गया है और कितना डेट में.
लॉन्ग टर्म इक्विटी स्कीम में औसतन लगभग 12 फीसदी, डेट स्कीम में तकरीबन 8 फीसदी और हाइब्रिड स्कीम में 10 फीसदी के आस-पास का वार्षिक रिटर्न मिलता है. हालांकि, यह बाजार से जुड़ा निवेश है इसलिए म्यूचुअल फंड स्कीम का पिछला प्रदर्शन भविष्य में रिटर्न की गारंटी नहीं देता.
न्यूनतम पांच साल की अवधि के लिए करें निवेश: आम निवेशकों के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश से अच्छा रिटर्न पाने का पहला मंत्र है कि वे न्यूनतम पांच साल के लिए निवेश करें. तीन साल का भी विकल्प है, लेकिन न्यूनतम पांच साल का लक्ष्य ज्यादा बेहतर है. वैसे भी इक्विटी फंड में पांच या आठ या दस साल के लिए ही निवेश करना चाहिए.
म्यूचुअल फंड में कई कैटेगरी : म्यूचुअल फंड में आमतौर पर तीन कैटेगरी चर्चित हैं – लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप. मार्केट कैप में टॉप की कंपिनयां लार्ज कैप कहलाती हैं. लार्ज कैप में टॉप की कंपनियां, जैसे रिलायंस, टाटा, इन्फोसिस आदि होती हैं. मिडकैप में मीडियम कैप वाली कंपनियां शामिल होती हैं और स्मॉलकैप में स्मॉल कैप वाली कंपनियां. किसी भी लिस्टेड कंपनी की बाजार में एक कीमत होती हैं, जिसको मार्केट कैप (कैपिटलाइजेशन) कहते हैं.
सेबी ने म्यूचुअल फंड की कैटेगरी को और रेगुलेट किया और कई अलग-अलग कैटगरी बनायी हैं. इसमें एक है फोकस्ड कैटेगरी. एक म्यूचुअल फंड की स्कीम में 70 से 100 कंपनियां तो होती ही हैं, लेकिन फोकस्ड फंड 25 से 30 शेयरों का बना होता है. इसके अलावा एक कैटेगरी है डायनेमिक इक्विटी फंड, इसे बैलेंस एडवांटेज फंड भी कहते हैं. इसमें इक्विटी और डेट दोनों फंड होते हैं. ये कैटेगरी कम जोखिम के साथ बेहतर रिटर्न की पेशकश करती है.
मार्केट ऊंचा है, तो किसमें निवेश करें : मार्केट अभी बहुत ऊंचा है और बहुत लिक्विडिटी है. इसलिए भारत के फंड मैनेजर अभी इक्विटी में अपनी पोजिशन को थोड़ा कम कर रहे हैं. मार्केट जब गिरेगा, तब इक्विटी में ज्यादा पर्चेस करेंगे और निवेशक को ज्यादा रिटर्न देने की कोशिश करेंगे. आम निवेशक के लिए डायनेमिक इक्विटी फंड आज के समय के हिसाब से काफी अच्छा विकल्प है.
जोखिम की नजर से देखें : लार्जकैप का मूवमेंट काफी कम होता है, इसलिए इसमें जाेखिम भी कम होता है. इनमें तकरबीन 12 से 15 फीसदी का सालाना रिटर्न मिलता है. मिडकैप में रिटर्न ज्यादा है, लेकिन इनमें जोखिम भी अधिक होता है. इसलिए मिडकैप में पांच से सात साल के लिए निवेश करना चाहिए ताकि जोखिम से बच सकें. मार्केट में गिरावट आती है, तो सबसे पहले मिडकैप और स्माॅलकैप गिरते हैं.
Posted by: Pritish Sahay
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