बेमौसम की बरसात से गेहूं बर्बाद! किसान भयभीत

Wheat: पंजाब में गेहूं खरीद सीजन खत्म होने को है, लेकिन बेमौसम बारिश से करीब 55 लाख मीट्रिक टन गेहूं बर्बादी के कगार पर है. गोदामों तक धीमा उठाव, भंडारण की कमी और मंडियों में फंसा अनाज किसानों के लिए चिंता का कारण बना हुआ है. समय पर उठाव नहीं हुआ तो खाद्य सुरक्षा पर भी खतरा मंडरा सकता है.

By KumarVishwat Sen | May 6, 2025 6:36 PM
an image

Wheat: गर्मी के मौसम में बेमौसम की बरसात से न केवल आम जनजीवन त्रस्त है, बल्कि देश के अन्नदाता किसानों को भी गेहूं की बर्बादी का डर सता रहा है. खासकर गेहूं उत्पादक राज्य पंजाब के किसान बेमौसम की बरसात से सबसे अधिक भयभीत हैं. खबर यह है कि पंजाब में गेहूं की खरीद का मौसम समाप्त होने को है, लेकिन बेमौसम की बरसात से करीब 55 लाख मीट्रिक टन गेहूं बर्बाद होने का खतरा मंडरा रहा है.

खरीदी गई फसल का आधा भी नहीं पहुंचा गोदाम

अंग्रेजी के अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब में गेहूं खरीद सीजन अपने अंतिम चरण में है, लेकिन बेमौसम बारिश ने किसानों को संकट में डाल दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब 122.83 लाख मीट्रिक टन (LMT) गेहूं मंडियों में पहुंच चुका है. इसमें से 121.48 LMT की खरीद हो चुकी है, जिसमें 111.76 LMT सरकारी एजेंसियों और 9.71 LMT निजी व्यापारियों द्वारा खरीदा गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकारी एजेंसियों और व्यापारियों द्वारा खरीदा गया गेहूं में से अभी आधा भी गोदामों तक नहीं पहुंचा है.

धीमी उठाव दर से बिगड़ रही स्थिति

भारी मात्रा में गेहूं खरीदे जाने के बावजूद मंडियों से गोदामों तक उठाव की गति बेहद धीमी है. अब तक केवल 67.51 लाख मीट्रिक टन गेहूं (लगभग 55%) ही गोदामों तक पहुंच पाया है. अनिवार्य 72 घंटे के भीतर उठाव की दर फिलहाल 63% पर है, जिससे मंडियों में रखी फसल को बारिश से खराब होने का खतरा अधिक है.

मंडियों में पड़ा है 55 लाख मीट्रिक टन गेहूं

रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले रविवार को पंजाब की मंडियों में 1.31 लाख मीट्रिक टन गेहूं पहुंचा, जबकि 1.45 लाख मीट्रिक टन की खरीद हुई. फिर भी, 1.34 लाख मीट्रिक टन गेहूं अब भी बिना बिके पड़ा है. कुल मिलाकर, 55 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं बिना उठाए या बिना बिके मंडियों में पड़ा है, जो लगातार बारिश की वजह से नमी और खराब हो सकता है.

भंडारण की कमी बनी सबसे बड़ी चुनौती

किसान और आढ़ती इस बात को लेकर बेहद चिंतित हैं कि पर्याप्त भंडारण सुविधाओं की कमी के कारण फसल को नमी से भारी नुकसान हो सकता है. इस संकट के बीच, सरकार से अनाज के तेजी से उठाव और भंडारण को प्राथमिकता देने की मांग की जा रही है.

इसे भी पढ़ें: म्यूचुअल फंड निवेशकों को अपना पोर्टफोलियो कब करना चाहिए रिबैलेंस? जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट

पिछले साल से थोड़ी बेहतर खरीद

रिपोर्ट में बताया गया है कि खरीद में पिछले साल के मुकाबले मामूली वृद्धि हुई है. 4 मई 2024 तक जहां 119.29 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया था. वहीं, इस साल 121.48 लाख मीट्रिक टन की खरीद हुई है. किसान और अन्य हितधारक अधिकारियों से अपील कर रहे हैं कि यदि जल्द उठाव नहीं हुआ, तो इससे उत्पादकों को भारी नुकसान हो सकता है और देश की खाद्य सुरक्षा प्रणाली पर भी असर पड़ेगा.

इसे भी पढ़ें: ड्रीम11 से 4 करोड़ जीतने वाले मंगल सरोज को देना होगा Tax, वरना घर पहुंचेगा आयकर विभाग

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें

Business

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version