RBI Auction: सरकारी सिक्योरिटीज को लूट लेने का आ रहा बेहतरीन मौका, आरबीआई करेगा सबसे बड़ी नीलामी

RBI Auction: भारतीय रिजर्व बैंक 11 जुलाई 2025 को 25,000 करोड़ रुपये की दो सरकारी डेटेड सिक्योरिटीज की नीलामी करेगा. इसमें 2032 और 2074 को परिपक्व होने वाली जीएस शामिल हैं. ई-कुबेर प्लेटफॉर्म के जरिए होने वाली इस नीलामी में प्रतिस्पर्धी और गैर-प्रतिस्पर्धी दोनों प्रकार की बोलियां ली जाएंगी. न्यूनतम निवेश राशि 10,000 रुपये है और ब्याज अर्ध-वार्षिक आधार पर मिलेगा. यह मौका खुदरा निवेशकों के लिए भी खुला है और रिटेल डायरेक्ट पोर्टल के जरिए निवेश किया जा सकता है.

By KumarVishwat Sen | July 8, 2025 8:26 PM
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RBI Auction: सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश करने में निवेश करने वालों के लिए बेहतरीन मौका आ रहा है. आपको सरकारी सिक्योरिटीज को लूट लेने का जल्द ही सुनहरा अवसर मिलेगा. आरबीआई सरकारी सिक्योरिटीज की सबसे बड़ी नीलामी करने जा रहा है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एक आधिकारिक अधिसूचना में बताया है कि भारत सरकार 25,000 करोड़ रुपये की दो डेटेड सरकारी सिक्योरिटीज की नीलामी करने जा रही है. यह नीलामी देश के दीर्घकालिक उधारी कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य सरकारी खर्चों को पूरा करना है. आरबीआई ई-कुबेर के जरिए इतने बड़े साइज के सिक्योरिटीज की नीलामी करेगा.

सरकार की दो सिक्योरिटीज की होगी नीलामी

समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि आरबीआई सरकार की दो प्रमुख सिक्योरिटीज की नीलामी करेगा. इनमें नई सरकारी सिक्योरिटीज (नई जीएस) और पुनर्निगमित जीएस शामिल हैं. नई जीएस 14 जुलाई, 2032 को परिपक्व होने वाली 11,000 करोड़ रुपये मूल्य की नई सरकारी सिक्योरिटी है. पुनर्निगमित जीएस 25 नवंबर, 2074 को परिपक्व होने वाली 7.09% सरकारी प्रतिभूति है, जिसकी कुल राशि 14,000 करोड़ रुपये है. सरकार के पास प्रत्येक सिक्योरिटी के लिए 2,000 करोड़ रुपये तक का ग्रीन शो ऑप्शन स्वीकार करने का विकल्प भी रहेगा.

कब और कैसे होगी नीलामी?

यह नीलामी 11 जुलाई, 2025 (शुक्रवार) को भारतीय रिजर्व बैंक के मुंबई कार्यालय से ई-कुबेर सिस्टम के जरिए से आयोजित की जाएगी. सफल बोलीदाताओं को भुगतान 14 जुलाई, 2025 (सोमवार) को करना होगा, जो निपटान की तिथि है.

क्या होती है डेटेड सिक्योरिटी और पुनर्निर्गमित सिक्योरिटी?

डेटेड सिक्योरिटीज वे सरकारी बांड होती हैं, जिन्हें एक निर्धारित ब्याज दर और मैच्योरिटी डेट के साथ जारी किया जाता है. निवेशकों को इन पर हर छह महीने में ब्याज मिलता है. ये बांड सरकार की ओर से अपनी वित्तीय जरूरतें पूरी करने के लिए जारी किए जाते हैं. पुनर्निर्गम का मतलब किसी पहले से जारी सिक्योरिटी को दोबारा बेचना है. इसमें ब्याज दर और मैच्योरिटी डेट वही रहती है, लेकिन इसे नई नीलामी में बेचा जाता है, ताकि अतिरिक्त धन जुटाया जा सके.

नीलामी की प्रक्रिया और समय

इस नीलामी में मल्टी प्राइस मेथड अपनाई जाएगी. इसमें दो प्रकार की बोलियां गैर-प्रतिस्पर्धी बोलियां और प्रतिस्पर्धी बोलियां शामिल होंगी. गैर-प्रतिस्पर्धी बोलियां सुबह 10:30 से शुरू होगी, जो 11:00 बजे बंद हो जाएंगी. वहीं, प्रतिस्पर्धी बोलियां सुबह 10:30 से 11:30 बजे तक बोली जाएंगी. प्राथमिक डीलर बोलियां सुबह 9:00 से 9:30 बजे के बीच लगाई जा सकेंगी. परिणाम उसी दिन घोषित कर दिए जाएंगे.

खुदरा निवेशक भी कर सकते हैं खरीदारी

सरकारी सिक्योरिटीज को 10,000 रुपये के न्यूनतम मूल्य और उसके गुणकों में खरीदा जा सकता है. 5% तक की राशि पात्र व्यक्तियों और संस्थाओं के लिए गैर-प्रतिस्पर्धी बोली में आरक्षित होगी. यह सुविधा आरबीआई के रिटेल डायरेक्ट पोर्टल पर भी उपलब्ध है.

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ट्रेडिंग और ब्याज भुगतान

ये प्रतिभूतियां 8 जुलाई से 11 जुलाई 2025 तक “जब जारी” ट्रेडिंग के लिए पात्र रहेंगी. इन पर अर्ध-वार्षिक आधार पर ब्याज का भुगतान किया जाएगा. आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि अगर तकनीकी समस्या आती है, तो असाधारण स्थिति में फिजिकल फॉर्म से भी बोलियां दी जा सकती हैं. निवेशक कई प्रतिस्पर्धी बोलियां भी लगा सकते हैं, बशर्ते कुल राशि अधिसूचित राशि से अधिक न हो. यह नीलामी न केवल सरकार की उधारी रणनीति का हिस्सा है, बल्कि निवेशकों के लिए एक स्थिर, सुरक्षित और लाभदायक निवेश का अवसर भी है.

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