सरकार की दो सिक्योरिटीज की होगी नीलामी
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि आरबीआई सरकार की दो प्रमुख सिक्योरिटीज की नीलामी करेगा. इनमें नई सरकारी सिक्योरिटीज (नई जीएस) और पुनर्निगमित जीएस शामिल हैं. नई जीएस 14 जुलाई, 2032 को परिपक्व होने वाली 11,000 करोड़ रुपये मूल्य की नई सरकारी सिक्योरिटी है. पुनर्निगमित जीएस 25 नवंबर, 2074 को परिपक्व होने वाली 7.09% सरकारी प्रतिभूति है, जिसकी कुल राशि 14,000 करोड़ रुपये है. सरकार के पास प्रत्येक सिक्योरिटी के लिए 2,000 करोड़ रुपये तक का ग्रीन शो ऑप्शन स्वीकार करने का विकल्प भी रहेगा.
कब और कैसे होगी नीलामी?
यह नीलामी 11 जुलाई, 2025 (शुक्रवार) को भारतीय रिजर्व बैंक के मुंबई कार्यालय से ई-कुबेर सिस्टम के जरिए से आयोजित की जाएगी. सफल बोलीदाताओं को भुगतान 14 जुलाई, 2025 (सोमवार) को करना होगा, जो निपटान की तिथि है.
क्या होती है डेटेड सिक्योरिटी और पुनर्निर्गमित सिक्योरिटी?
डेटेड सिक्योरिटीज वे सरकारी बांड होती हैं, जिन्हें एक निर्धारित ब्याज दर और मैच्योरिटी डेट के साथ जारी किया जाता है. निवेशकों को इन पर हर छह महीने में ब्याज मिलता है. ये बांड सरकार की ओर से अपनी वित्तीय जरूरतें पूरी करने के लिए जारी किए जाते हैं. पुनर्निर्गम का मतलब किसी पहले से जारी सिक्योरिटी को दोबारा बेचना है. इसमें ब्याज दर और मैच्योरिटी डेट वही रहती है, लेकिन इसे नई नीलामी में बेचा जाता है, ताकि अतिरिक्त धन जुटाया जा सके.
नीलामी की प्रक्रिया और समय
इस नीलामी में मल्टी प्राइस मेथड अपनाई जाएगी. इसमें दो प्रकार की बोलियां गैर-प्रतिस्पर्धी बोलियां और प्रतिस्पर्धी बोलियां शामिल होंगी. गैर-प्रतिस्पर्धी बोलियां सुबह 10:30 से शुरू होगी, जो 11:00 बजे बंद हो जाएंगी. वहीं, प्रतिस्पर्धी बोलियां सुबह 10:30 से 11:30 बजे तक बोली जाएंगी. प्राथमिक डीलर बोलियां सुबह 9:00 से 9:30 बजे के बीच लगाई जा सकेंगी. परिणाम उसी दिन घोषित कर दिए जाएंगे.
खुदरा निवेशक भी कर सकते हैं खरीदारी
सरकारी सिक्योरिटीज को 10,000 रुपये के न्यूनतम मूल्य और उसके गुणकों में खरीदा जा सकता है. 5% तक की राशि पात्र व्यक्तियों और संस्थाओं के लिए गैर-प्रतिस्पर्धी बोली में आरक्षित होगी. यह सुविधा आरबीआई के रिटेल डायरेक्ट पोर्टल पर भी उपलब्ध है.
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ट्रेडिंग और ब्याज भुगतान
ये प्रतिभूतियां 8 जुलाई से 11 जुलाई 2025 तक “जब जारी” ट्रेडिंग के लिए पात्र रहेंगी. इन पर अर्ध-वार्षिक आधार पर ब्याज का भुगतान किया जाएगा. आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि अगर तकनीकी समस्या आती है, तो असाधारण स्थिति में फिजिकल फॉर्म से भी बोलियां दी जा सकती हैं. निवेशक कई प्रतिस्पर्धी बोलियां भी लगा सकते हैं, बशर्ते कुल राशि अधिसूचित राशि से अधिक न हो. यह नीलामी न केवल सरकार की उधारी रणनीति का हिस्सा है, बल्कि निवेशकों के लिए एक स्थिर, सुरक्षित और लाभदायक निवेश का अवसर भी है.
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