RBI KYC Update: RBI ने बदले KYC के नियम, अब किराना दुकानदार भी कर सकेंगे अपडेट, जानिए पूरी प्रक्रिया

RBI KYC Update: RBI ने KYC नियमों में बदलाव करते हुए बैंकों को अपने बैंकिंग कॉरेस्पॉन्डेंट्स (जैसे किराना दुकानदार) के जरिए ग्राहकों का KYC अपडेट करने की अनुमति दी है. साथ ही बैंकों को ग्राहकों को KYC अपडेट के लिए तीन बार पूर्व सूचना देना अनिवार्य किया गया है.

By Abhishek Pandey | June 13, 2025 1:41 PM
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RBI KYC Update: ग्राहकों की सुविधा और बैंकिंग प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ‘नो योर कस्टमर’ (KYC) प्रक्रिया से जुड़ी दो अहम बदलावों की घोषणा की है. 12 जून 2025 को जारी एक अधिसूचना के अनुसार, अब बैंक अपने बिजनेस करेस्पॉन्डेंट (BC) के जरिए ग्राहकों का केवाईसी अपडेट और पीरियॉडिक अपडेट कर सकेंगे. साथ ही, बैंकों को ग्राहकों को समय रहते KYC अपडेट कराने के लिए कम से कम तीन बार सूचना देनी होगी, जिसमें एक बार डाक से सूचना देना अनिवार्य होगा.

क्या होता है बिजनेस करेस्पॉन्डेंट

बिजनेस करेस्पॉन्डेंट वे एजेंट होते हैं जिन्हें बैंक ग्रामीण और दूरस्थ इलाकों में अपनी सेवाएं पहुंचाने के लिए नियुक्त करता है. इनमें NGO, सेल्फ हेल्प ग्रुप (SHG), माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूशन (MFI) और कुछ मामलों में आपके स्थानीय किराना दुकानदार भी शामिल हो सकते हैं, अगर उन्हें बैंक से अनुमति मिली हो.

KYC अपडेट से जुड़े नए नियम

  • BC के माध्यम से KYC अपडेट: अब ग्राहक अगर सिर्फ पता बदलवाना चाहते हैं या KYC में कोई बदलाव नहीं है, तो वे एक सेल्फ-डिक्लेरेशन देकर BC के जरिए यह प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं. यह प्रक्रिया बायोमेट्रिक ई-केवाईसी से सत्यापित की जाएगी और दस्तावेज़ इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में बैंक को भेजे जाएंगे. जब तक यह सुविधा डिजिटल रूप में पूरी तरह लागू नहीं होती, ग्राहक फिजिकल फॉर्म में भी जानकारी दे सकते हैं.
  • ग्राहकों को समय पर सूचना देना अनिवार्य: आरबीआई के अनुसार, बैंकों को केवाईसी अपडेट की तारीख से पहले कम से कम तीन बार ग्राहक को सूचना देनी होगी, जिसमें एक सूचना पत्र के रूप में अनिवार्य है. यदि ग्राहक तब भी केवाईसी अपडेट नहीं करता, तो बैंक को बाद में भी तीन रिमाइंडर देने होंगे. हर सूचना और रिमाइंडर को बैंक की प्रणाली में दर्ज करना अनिवार्य है.

RBI ने यह बदलाव क्यों किया

आरबीआई ने बताया कि कई खातों में KYC समय पर अपडेट नहीं होने से सरकार की DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) योजनाएं जैसे छात्रवृत्ति और पेंशन आदि में देरी हो रही थी. खासतौर से पीएम जनधन योजना के तहत खुले खातों में यह समस्या ज्यादा दिखी. इसीलिए बैंकों को ग्रामीण इलाकों में विशेष कैंप लगाकर केवाईसी अपडेट कराने के निर्देश दिए गए हैं.

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अन्य सरल विकल्प

डिजिटल और वीडियो KYC: ग्राहक अब आधार OTP, V-CIP (वीडियो आधारित ग्राहक पहचान प्रक्रिया) और डिजीलॉकर जैसे माध्यमों से भी KYC अपडेट करा सकते हैं. अगर ग्राहक का वर्तमान पता आधार से अलग है, तो वह एक सेल्फ-डिक्लेरेशन के माध्यम से इसे अपडेट कर सकता है. नॉन-फेस टू फेस मोड में भी वीडियो KYC की सुविधा है जो अब फिजिकल प्रक्रिया के बराबर मानी जाएगी.

BLS ई-सेवाएं के चेयरमैन शिखर अग्रवाल का कहना है, “नए नियम ग्राहकों को फॉर्मल बैंकिंग सेवाओं से जोड़ने और DBT जैसी योजनाओं के लाभ को समय पर प्राप्त करने में मदद करेंगे.”

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