ब्लैकरॉक के साथ 50-50 हिस्सेदारी में काम करेगी कंपनी
मुकेश अंबानी ने बताया कि जेएफएस सरल, ‘स्मार्ट’, सामान्य स्वास्थ्य बीमा पेश करने के लिए बीमा क्षेत्र में भी प्रवेश करेगी. उन्होंने कहा कि जियो और खुदरा की तरह, जेएफएस भी ग्राहकों को बेहतरीन सेवाएं प्रदान करेगी. उन्होंने कहा कि यह अत्यधिक पूंजी-गहन कारोबार है. रिलायंस ने शुरुआत में दुनिया के सबसे अधिक पूंजी वाले वित्तीय सेवा मंचों में से एक बनाने के लिए जेएफएस को 1,20,000 करोड़ रुपये के कुल नेटवर्थ के साथ पूंजीकृत किया है. मुकेश अंबानी ने कहा कि जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (JFSL) और ब्लैकरॉक ने बाजार में 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी वाली एक ज्वाइंट कंपनी की स्थापना की गयी है. दोनों कंपनियां इसमें 15-15 करोड़ डॉलर का निवेश करेंगी. 142 करोड़ भारतीयों को फाइनेंशियल सर्विसेज दी जाएंगी.
क्या है जियो फाइनेंशियल सर्विसेज
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के डिमर्जर हो गया है. रिलायंस ने अपने फाइनेंशियल सर्विसेज के वेंचर को रिलायंस स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड में विभाजित कर दिया है. इसके बाद इसका नाम बदलकर जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड कर दिया गया है. कंपनी ने इसे NSE समेत अन्य सूचकांकों में शामिल करने की प्रक्रिया भी पूरी कर ली है. ऐसे में निवेशकों के लिए इसमें पैसे लगाना एक विंडफॉल गेन माना जा रहा है. कंपनी के द्वारा एक बार फिर से बाजार में मुफ्त पॉलिसी का इस्तेमाल किया जा रहा है. दरअसल, कंपनी ने रिलायंस के प्रत्येक शेयरधारक को मूल कंपनी के एक शेयर पर नई फर्म का एक शेयर मुफ्त देगी. ऐसे में बाजार में लोग कंपनी का शेयर खरीदने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. बता दें कि अभी जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड उपभोक्ताओं को उनके संपत्ति का आकलन करके उसके विश्लेषण के आधार पर ऋण देगी. बाद में कंपनी का प्लान बीमा, भुगतान, डिजिटल ब्रोकिंग और परिसंपत्ति प्रबंधन में भी हाथ आजमाने का है.
एआई में भी कंपनी करेगी निवेश
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने सोमवार को कहा कि जियो प्लेटफॉर्म्स विभिन्न क्षेत्रों में भारत-केंद्रित कृत्रिम मेधा (AI) मॉडल और एआई-संचालित समाधानों के विकास प्रयासों का नेतृत्व करना चाहती है ताकि देश के नागरिक, कारोबार और सरकार नए दौर की इस प्रौद्योगिकी से लाभान्वित हो सकें. अंबानी ने आरआईएल के शेयरधारकों की सालाना आमसभा को संबोधित करते हुए कहा कि जियो प्लेटफॉर्म्स ‘हर किसी को, हर जगह एआई’ का वादा करती है. उन्होंने कृत्रिम मेधा को जियो के विकास का सबसे रोमांचक मोर्चा बताते हुए इससे संबंधित महत्वाकांक्षी योजनाओं की रूपरेखा पेश की.
भारत को करना चाहिए एआई का इस्तेमाल
मुकेश अंबानी ने टिकाऊ तौर-तरीकों और हरित भविष्य की दिशा में बढ़ने का जिक्र करते हुए क्लाउड और एज दोनों स्थानों पर 2,000 मेगावाट तक एआई-सक्षम कंप्यूटिंग क्षमता स्थापित करने कंपनी की प्रतिबद्धता जताई. उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर एआई क्रांति पूरी दुनिया को नया आकार दे रही है और इसका समझदार इस्तेमाल उद्योगों, अर्थव्यवस्थाओं और रोजमर्रा की जिंदगी को भी नए सिरे से परिभाषित और क्रांतिकारी बदलाव लाने का काम करेगा. अंबानी ने कहा कि वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए भारत को नवाचार, वृद्धि और राष्ट्रीय समृद्धि के लिए एआई का इस्तेमाल करना चाहिए. उन्होंने कहा कि अपने देशवासियों से यह मेरा वादा है। सात साल पहले जियो ने हर किसी को हर जगह ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी देने का वादा किया था. हमने इस वादे को पूरा किया है. आज जियो हर किसी को हर जगह एआई का वादा करती है और हम इसे पूरा करेंगे. रिलायंस समूह के भीतर भी एआई में नवीनतम वैश्विक नवाचारों, खासकर जेनरेटिव एआई में हालिया प्रगति को तेजी से आत्मसात करने के लिए प्रतिभाओं और क्षमताओं को बढ़ाया जा रहा है.
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