RTGS: आरटीजीएस (रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट) और एनईएफटी (नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर) के जरिए पैसा ट्रांसफर करने पर अब 1 अप्रैल 2025 से रिसीवर का नाम भी दिखेगा. डिजिटल पेमेंट में होने वाली धोखाधड़ी और गलत खाते में फंड ट्रासंफर पर लगाम लगाने के लिए आरबीआई ने यह कदम उठाया है. इससे आपको आरटीजीएस और एनईएफटी के जरिए पैसे ट्रांसफर करते वक्त आपको फायदा मिलेगा. आइए, जानते हैं कैसे?
हाईलाइट्स
- आरटीजीएस और एनईएफटी में क्या नया है?
- आरटीजीएस और एनईएफटी में बदलाव के फायदे क्या हैं?
- कैसे काम करेगा आरटीजीएस और एनईएफटी का नया अपडेट?
- आपको क्या करना है?
- आरटीजीएस और एनईएफटी नए अपडेट में खास क्या है?
आरटीजीएस और एनईएफटी में क्या नया है?
पहले जब आप पैसे ट्रांसफर करते थे, तो बस खाता नंबर और आईएफसी कोड सही होना जरूरी था. लेकिन, अब जब आप किसी को पेमेंट करेंगे, तो रिसीवर का नाम भी दिखेगा. इसका मतलब यह कि अब आरटीजीएस और एनआईएफटी में भी “नाम में क्या रखा है” का जमाना आने वाला है.
आरटीजीएस और एनईएफटी में बदलाव के फायदे क्या हैं?
नो मोर मिस्टेक: यह सिस्टम आने के बाद गलत नाम वाले खाते में पैसे जाने का टेंशन खत्म. अब सही नाम देखकर ही पेमेंट कन्फर्म करें.
फ्रॉड को बाय-बाय: धोखेबाजों के फेक अकाउंट्स में पैसे फंसने का खतरा कम होगा.
सुपर ईजी और सेफ: डिजिटल ट्रांजेक्शन्स पहले से ज्यादा भरोसेमंद बनेंगे.
कैसे काम करेगा आरटीजीएस और एनईएफटी का नया अपडेट?
1. जब भी आप आरटीजीएस या एनईएफटी से पैसे ट्रांसफर करेंगे, तो रिसीवर का नाम 2. आपके स्क्रीन पर शो होगा.
3. अगर नाम मैच नहीं करता है, तो आप तुरंत ट्रांसफर रोक सकते हैं.
4. आपकी मेहनत की कमाई सही अकाउंट में जाएगी.
5. पेमेंट के बाद किसी तरह की टेंशन लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
6. इससे टेक्नोलॉजी का सही इस्तेमाल होगा.
आपको क्या करना है?
1. अपने बैंक अकाउंट की डीटेल्स चेक करें. नाम और अन्य जानकारी सही है या नहीं, यह कन्फर्म करें.
2. हमेशा ट्रांसफर से पहले रिसीवर का नाम चेक करें.
3. अगर कोई दिक्कत हो, तो बैंक से तुरंत संपर्क करें.
4. डिजिटल पेमेंट्स करते समय जल्दीबाजी से बचें.
5. नए फीचर को टेस्ट करें और इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें.
6. अपने बैंकिंग ऐप्स को हमेशा अपडेट रखें.
आरटीजीएस और एनईएफटी नए अपडेट में खास क्या है?
आरटीजीएस और एनईएफटी के फीचर में बदलाव सिर्फ एक टेक अपडेट नहीं है, बल्कि हमारे डिजिटल पेमेंट एक्सपीरियंस को नेक्स्ट लेवल पर ले जाने का तरीका है. अप्रैल 2025 से आपकी बैंकिंग ज्यादा स्मार्ट, ज्यादा सिक्योर और ज्यादा रिलायबल होगी.
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