Share Market: भारतीय शेयर बाजार में हल्की गिरावट के साथ शुरुआत, लेकिन निवेशकों का भरोसा बना रहा

Share Market: बैंकिंग और मार्केट एक्सपर्ट अजय बग्गा ने ANI से बातचीत में कहा, "भारतीय बाजारों में उछाल देखा गया, हालांकि FPI और DII का आंकड़ा कमजोर रहा. इसका मतलब है कि गैर-संस्थागत निवेशकों की खरीदारी ही बाजार को सहारा दे रही है. अगर घरेलू खुदरा निवेशक और HNI डेस्क से खरीदारी जारी रहती है, तो यह तेजी टिक सकती है."

By Abhishek Pandey | May 13, 2025 10:05 AM
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Share Market: सोमवार की ज़बरदस्त रैली के बाद मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत थोड़ी सुस्त रही. शुरुआती कमजोरी का कारण मुनाफावसूली को माना जा रहा है, क्योंकि बाजार हालिया तेज़ी के बाद खुद को स्थिर करने की कोशिश में लगा है. हालांकि कुछ ही समय में बाजार ने गिरावट से उबरते हुए हरे निशान में वापसी कर ली, जिससे निवेशकों के भरोसे का संकेत मिला.

कैसी रही ओपनिंग?

Nifty 50 ने मंगलवार को 24,864.05 के स्तर पर शुरुआत की, जो कि 60.65 अंक या 0.24% की गिरावट थी. वहीं, BSE Sensex 180.30 अंक या 0.22% गिरकर 82,249.60 पर खुला. बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, सोमवार की तेज़ी मुख्य रूप से हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स (HNIs) की खरीदारी से प्रेरित थी. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) और घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) की भागीदारी सीमित रही. यदि इन दोनों वर्गों की सक्रियता बढ़ती है, तो बाजार में और मजबूती देखने को मिल सकती है.

बाजार के जानकारों की राय

बैंकिंग और मार्केट एक्सपर्ट अजय बग्गा ने ANI से बातचीत में कहा, “भारतीय बाजारों में उछाल देखा गया, हालांकि FPI और DII का आंकड़ा कमजोर रहा. इसका मतलब है कि गैर-संस्थागत निवेशकों की खरीदारी ही बाजार को सहारा दे रही है. अगर घरेलू खुदरा निवेशक और HNI डेस्क से खरीदारी जारी रहती है, तो यह तेजी टिक सकती है.”

कौन से सेक्टर रहे आगे-पीछे?

सेक्टोरल परफॉर्मेंस की बात करें तो Nifty Pharma ने 1.2% की बढ़त के साथ सबसे अच्छा प्रदर्शन किया. Nifty PSU Bank भी हरे निशान में कारोबार करता दिखा. हालांकि, अधिकांश अन्य सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में रहे, खासकर Nifty IT, जिसमें 1% से ज्यादा की गिरावट आई. अमेरिका और चीन के बीच एक नई ट्रेड डील ने वैश्विक बाजारों को चौंका दिया है. इस डील से दोनों देशों के आर्थिक रिश्तों को फिर से परिभाषित किया गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का “शॉक, ऑव, नेगोशिएट एंड डील” वाला स्टाइल एक बार फिर देखने को मिला. हालांकि जनवरी 20 से चल रही तीव्र अटकलों और बयानबाज़ी के बाद डील का नतीजा अपेक्षाकृत शांत रहा. इसने रणनीतिक दिशा में ज्यादा बदलाव नहीं किया, लेकिन नए समझौतों की संभावना के लिए दरवाजे खोल दिए.

Axis Securities के रिसर्च हेड अक्षय चिन्चलकर ने बताया, “निफ्टी ने कल 3.8% की छलांग लगाई. इसी के साथ यह 200-दिन की मूविंग एवरेज से ऊपर चला गया, जो कि एक बुलिश सिग्नल माना जाता है. इससे शॉर्ट टर्म में पॉजिटिव रिटर्न की संभावना बढ़ जाती है. फिलहाल, निफ्टी को 24,650 से 24,700 के बीच सपोर्ट है, जबकि 25,000 एक मनोवैज्ञानिक रेसिस्टेंस लेवल है. टाइम-वाइज़, 15 मई +/- एक ट्रेडिंग डे काफी अहम माना जा रहा है.”

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