जब 300 लेकर बॉम्बे सेंट्रल पर उतरे ऐडमैन, आज आमिर-शाहरूख पर लगाते हैं दांव

Success Story: भारत के सबसे बड़े ऐडमैन प्रह्लाद कक्कड़ ने संघर्षों से सफलता तक का सफर तय किया. श्याम बेनेगल के साथ काम करने से लेकर 'जेनेसिस' कंपनी की स्थापना और पेप्सी जैसे ब्रांड के लिए सफल अभियान बनाने तक प्रहलाद कक्कड़ ने भारतीय विज्ञापन उद्योग को नई दिशा दी.

By KumarVishwat Sen | March 15, 2025 9:28 PM
an image

Success Story: भारत में विज्ञापन के बादशाह प्रहलाद कक्कड़ आज बॉलीवुड के बादशाह शाहरूख खान और आमिर खान पर दांव लगाते नजर आते हैं. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि प्रह्लाद कक्कड़ ने अपने जीवन में कितने संघर्षों का सामना किया है? शायद आप नहीं जानते होंगे. हम आपको बताते हैं. प्रह्लाद कक्कड़ आज भारत के सबसे बड़े ऐडमैन के रूप में जाने जाते हैं, लेकिन उनका सफर आसान नहीं रहा. साल 1971 में जब प्रहलाद कक्कड़ सिर्फ 20 साल के थे, तो वह महज 300 रुपये और बहुत सारे सपनों के साथ बॉम्बे सेंट्रल स्टेशन पर उतरे थे. शुरुआती दिनों में उन्होंने रेलवे स्टेशनों की सीटों और अपने दोस्तों के घरों में उनके सोफों पर सोकर रातें गुजारी थी.

संघर्षों से सफलता तक

बीबीसी के लिए रेहान फजल लिखते हैं, “प्रह्लाद कक्कड़ का जन्म 24 मार्च 1951 को इलाहाबाद में हुआ था. उनके पिता लेफ्टिनेंट कर्नल अमीर चंद कक्कड़ पाकिस्तान के डेरा इस्माइल खां के निवासी थे. उनकी मां शशिकला कक्कड़ का संबंध बर्मी और मराठी परिवार से था. बचपन में ही उनके माता-पिता एक-दूजे अलग हो गए थे, लेकिन उनके पिता ने प्रह्लाद कक्कड़ को घुड़सवारी सिखाकर उन्हें जीवन में आत्मविश्वास देना शुरू किया था.” रेहान आगे लिखते हैं कि प्रह्लाद कक्कड़ का बचपन कुछ कठिनाइयों से भरा हुआ था, लेकिन उनकी मां ने उन्हें शिक्षा की महत्ता सिखाई. उनका शैक्षणिक जीवन बहुत ही दिलचस्प था, क्योंकि एक समय उन्हें स्कूल से निष्कासित कर दिया गया था. लेकिन, यह निष्कासन ही उनके जीवन की सबसे बड़ी ताकत बना और वह अपनी मंजिल तक पहुंचने में सफल रहे.

श्याम बेनेगल से मिली सबसे बड़ी सीख

रेहान फजल अपनी रिपोर्ट में लिखते हैं कि प्रह्लाद कक्कड़ को बॉलीवुड के मशहूर फिल्म निर्देशक श्याम बेनेगल के साथ काम करने का मौका मिला. श्याम बेनेगल ने अपनी आत्मकथा में लिखा है कि प्रहलाद का काम के प्रति अदम्य उत्साह था. उन्होंने प्रह्लाद को विज्ञापन की दुनिया में एक सशक्त पहचान दिलाई. श्याम बेनेगल के साथ काम करते हुए प्रह्लाद ने विज्ञापन फिल्म निर्माण में अपना करियर शुरू किया और जल्दी ही वह इस क्षेत्र के दिग्गज बन गए.

जेनेसिस एडवरटाइजिंग कंपनी और सबसे बड़े ऐडमैन

साल 1978 में प्रह्लाद कक्कड़ ने अपनी खुद की विज्ञापन कंपनी ‘जेनेसिस’ की स्थापना की. इस कंपनी ने कई सफल विज्ञापनों की मेजबानी की और प्रह्लाद कक्कड़ को भारत के सबसे बड़े ‘ऐडमैन’ के रूप में स्थापित किया. उनके सबसे प्रसिद्ध विज्ञापनों में ‘प्रॉमिस’ टूथपेस्ट और मैगी नूडल्स के विज्ञापन शामिल हैं. इन विज्ञापनों ने भारतीय विज्ञापन इंडस्ट्री में एक नया मापदंड स्थापित किया.

पेप्सी और ऐश्वर्या राय का जुड़ाव

प्रह्लाद कक्कड़ ने पेप्सी के विज्ञापन में ऐश्वर्या राय को शामिल किया, जो उस समय एक उभरती हुई अभिनेत्री थीं. यह विज्ञापन इतना सफल हुआ कि ऐश्वर्या राय को ‘संजना’ के नाम से जाना जाने लगा. इस विज्ञापन की शूटिंग के दौरान ऐश्वर्या की सुंदरता ने पूरी टीम को प्रभावित किया और वह तुरंत ही इस विज्ञापन का हिस्सा बन गईं.

इसे भी पढ़ें: Unsuccess Story: कभी भारत की सबसे सस्ती फ्लाइट थी किंगफिशर, विजय माल्या की विलासिता में हो गई तबाह

‘ये दिल मांगे मोर’ अभियान

साल 1999 में जब कारगिल युद्ध हुआ, तब पेप्सी के लिए प्रह्लाद कक्कड़ ने ‘ये दिल मांगे मोर’ अभियान की शुरुआत की. इस अभियान ने भारतीय विज्ञापन जगत में एक नया आयाम जोड़ा और यह वाक्य आज भी भारत में एक लोकप्रिय जुमला बन चुका है.

इसे भी पढ़ें: रातोंरात भारत की सबसे अमीर महिला बनीं ये लेडी, नीता अंबानी को छोड़ दिया पीछे

विज्ञापन इंडस्ट्री का बादशाह बने प्रह्लाद कक्कड़

प्रह्लाद कक्कड़ ने भारतीय विज्ञापन इंडस्ट्री को बहुत कुछ दिया है. उनके द्वारा बनाए गए विज्ञापन न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी मशहूर हुए. उनकी रणनीतियां और सोच ने विज्ञापन जगत को नए रास्ते दिखाए और भारतीय ब्रांड्स को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलवाई. उनका करियर भारतीय विज्ञापन इंडस्ट्री का एक अहम हिस्सा बन चुका है.

इसे भी पढ़ें: इरफान पठान की पत्नी सबा बेग के पास कितनी है संपत्ति, मॉडलिंग से कितनी है कमाई?

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें

Business

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version