Sundar Pichai: किस देश के नागरिक हैं गूगल CEO? जानिए सुंदर पिचाई की पासपोर्ट वाली सच्चाई

Sundar Pichai: सुंदर पिचाई अब अमेरिका के नागरिक हैं. भारत में जन्मे पिचाई ने अमेरिकी नागरिकता ले ली है क्योंकि भारत दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं देता. हालांकि, उन्होंने OCI कार्ड के जरिए भारत से अपना जुड़ाव बनाए रखा है, जिससे वे भारत में रह सकते हैं, लेकिन वोट या सरकारी नौकरी नहीं कर सकते.

By Abhishek Pandey | July 1, 2025 10:31 AM
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Sundar Pichai: गूगल और उसकी पैरेंट कंपनी Alphabet Inc. के सीईओ सुंदर पिचाई का नाम आज दुनिया के सबसे प्रभावशाली तकनीकी नेताओं में लिया जाता है. मदुरै (तमिलनाडु) में जन्मे पिचाई की परवरिश एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुई. उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई भारत में पूरी की, IIT खड़गपुर से बीटेक किया और फिर अमेरिका जाकर स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमएस तथा व्हार्टन बिजनेस स्कूल से MBA की डिग्री प्राप्त की.

अब उनके पास कौन सी नागरिकता है?

आज सुंदर पिचाई अमेरिकी नागरिकता (U.S. Citizenship) रखते हैं. उन्होंने भारत की नागरिकता छोड़कर अमेरिका की नागरिकता ग्रहण की है. इसके पीछे वजह है – भारत में दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं होना. भारत का नागरिकता अधिनियम, 1955 यह स्पष्ट करता है कि यदि कोई भारतीय नागरिक किसी अन्य देश की नागरिकता स्वीकार कर लेता है, तो उसकी भारतीय नागरिकता स्वतः समाप्त हो जाती है.

तो क्या Sundar Pichai का भारत से रिश्ता खत्म हो गया?

बिलकुल नहीं. भले ही सुंदर पिचाई अब भारतीय नागरिक नहीं हैं, लेकिन उन्होंने भारत से जुड़ाव बनाए रखने के लिए OCI (Overseas Citizen of India) कार्ड लिया है. यह कार्ड भारत सरकार उन लोगों को देती है जो भारतीय मूल के हैं लेकिन अब विदेशी नागरिक बन चुके हैं.

OCI कार्ड से क्या-क्या फायदे हैं?

OCI कार्डधारकों को भारत में कई अधिकार मिलते हैं, जैसे:

  • भारत आने के लिए वीजा  की जरूरत नहीं होती
  • भारत में अनिश्चितकाल तक रह सकते हैं
  • प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं
  • व्यापार और निजी नौकरी कर सकते हैं

लेकिन कुछ अधिकार नहीं मिलते:

  • वोट देने का अधिकार नहीं
    सरकारी नौकरी नहीं मिल सकती
  • संवैधानिक पदों (जैसे राष्ट्रपति, सांसद) पर नियुक्ति नहीं हो सकती

भारत से जुड़ा है उनका दिल

सुंदर पिचाई कई इंटरव्यू में कह चुके हैं कि उनका दिल आज भी भारत में बसता है. उन्होंने बताया कि कैसे उनके घर में रोटरी फोन पाने के लिए 5 साल इंतजार करना पड़ा और पानी के लिए लाइन लगानी पड़ती थी. वो मानते हैं कि उनकी सफलता की प्रेरणा इन्हीं संघर्षों से मिली.

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