डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ बढ़ाने के लिए तोड़ दिया डब्ल्यूटीओ के नियम, ये क्या कह रहे एक्सपर्ट

Tariff War: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 60 देशों पर जवाबी शुल्क लगाकर डब्ल्यूटीओ के नियमों का उल्लंघन किया है. विशेषज्ञों का कहना है कि यह एमएफएन और दर प्रतिबद्धताओं के खिलाफ है. अमेरिका ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से सही ठहराया, लेकिन विवाद निपटान प्रणाली में इसे चुनौती दी जा सकती है.

By KumarVishwat Sen | April 3, 2025 10:45 PM
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Tariff War: दुनिया के 60 देशों पर जबरन जवाबी शुल्क थोपने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के नियमों को ताख पर रख दिया. ये हम नहीं, अंतरराष्ट्रीय व्यापार के विशेषज्ञ कह रहे हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका की विभिन्न देशों पर जवाबी शुल्क लगाने की घोषणा विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के कुछ प्रावधानों का उल्लंघन है और देशों को वैश्विक व्यापार निकाय की विवाद निपटान प्रणाली से संपर्क करने का पूरा अधिकार है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल 2025 को भारत और चीन सहित लगभग 60 देशों पर 10-49% तक के जवाबी शुल्क लगाने की घोषणा की है, जो 9 अप्रैल 2025 से लागू होगा.

सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र को धता

अंतरराष्ट्रीय व्यापार विशेषज्ञ अभिजीत दास ने कहा कि ये शुल्क साफ तौर पर विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के नियमों का उल्लंघन करते हैं. उन्होंने कहा कि यह एमएफएन (सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र) दायित्वों और दर को लेकर प्रतिबद्धता दोनों का उल्लंघन करता है. डब्ल्यूटीओ के सदस्य देशों को विवाद निपटान प्रणाली से संपर्क करने का पूरा अधिकार है.

काम नहीं कर रहा डब्ल्यूटीओ अपीलीय निकाय

एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि अमेरिका ने शुल्क लगाने के लिए अपने कार्यकारी आदेश में राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर आयात शुल्क लगाने की बात कही है. विवाद समाधान के लिए शीर्ष मंच डब्ल्यूटीओ अपीलीय निकाय काम नहीं कर रहा है. अमेरिका यह कह सकता है कि उसने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए प्रावधान के तहत यह शुल्क लगाया है. लेकिन, यह डब्ल्यूटीओ पर निर्भर करेगा कि वह इस दलील को स्वीकार करता है या नहीं.

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तर्क के जरिए दुनिया को झुठला रहा अमेरिका

अधिकारी ने कहा, ‘‘यदि आप कार्यकारी आदेश को देखें, तो अमेरिका ने इसे सही ठहराने के लिए कई तर्क दिये हैं. इसने इसके इर्द-गिर्द एक कहानी गढ़ी है. क्या इसके लिए कानूनी कदम की जरूरत है? यह देखना होगा, क्योंकि कुछ देश निश्चित रूप से डब्ल्यूटीओ से संपर्क करेंगे. हमें यह देखना होगा कि यह कानूनी आवश्यकताओं को पूरा करता है या नहीं.’’

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