Coronavirus outbreak : बाजार में एक दिन के दौरान 145 साल की सबसे बड़ी गिरावट, सेंसेक्स ने लगाया 1,941.67 अंकों का गहरा गोता

कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप और सऊदी अरब द्वारा कच्चे तेल की कीमतों में कटौती किये जाने का वैश्विक बाजारों पर देखने को मिला. वैश्विक बाजारों के सेंटीमेंट से डरकर भारतीय शेयर बाजार भी कारोबार की शुरुआत से ही गोता लगाये हुए था, जो कारोबार के अंत तक जारी रहा.

By KumarVishwat Sen | March 9, 2020 5:33 PM
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मुंबई : कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकापे के डर से दुनियाभर के शेयर बाजारों में गिरावट और सऊदी अरब में कच्चे तेल की कीमतों में भारी कटौती की वजह से सोमवार को होलिका दहन के दिन भारतीय शेयर बाजार दहक उठा. कारोबार की शुरुआत से ही 1000 अंकों से अधिक का गोता लगाने वाला बीएसई का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स कारोबार के अंत में 1,941 अंकों का गोता लगाकर 35,634.95 अंकों के साथ रसातलगामी हो गया.

वहीं, एनएसई का निफ्टी 598 अंक लुढ़ककर 10,451.45 अंक पर बंद हुआ. भारतीय शेयर बाजार में सेंसेक्स की यह अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है. इससे पहले 24 अगस्त, 2015 को सेंसेक्स 1,624 अंक लुढ़का था. इसके साथ ही, यह 145 साल के इतिहास में एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट हैउधर, खबर यह भी है कि कारोबार के शुरुआत में ही बाजार के डरावने प्रदर्शन से निवेशकों के करीब पांच लाख करोड़ रुपये डूब गये.

सेंसेक्स के शेयरों में ओएनजीसी को सर्वाधिक 16 फीसदी से अधिक नुकसान हुआ. रिलांयस इंडस्ट्रीज, इंडसइंड बैंक, टाटा स्टील, टीसीएस, एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक तथा बजाज ऑटो को भी बड़ा घाटा हुआ. रिलायंस इंडस्ट्रीज 12 फीसदी से अधिक टूटा. यस बैंक के अधिग्रहण के बारे में एसबीआई के ताजा बयान के बाद उसका शेयर 6 फीसदी से अधिक नीचे आ गया. स्टेट बैंक ने कहा है कि वह 2,450 करेाड़ रुपये में यस बैंक की 49 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगा. यस बैंक 31 फीसदी मजबूत हुआ.

कारोबारियों के अनुसार, घरेलू शेयरों में व्यापक बिकवाली देखी गयी. कोरोना वायरस के तेजी से फैलने तथा तेल के दाम में तेज गिरावट के साथ वैश्विक बाजारों में नरमी के बीच घरेलू बाजार में गिरावट दर्ज की गयी. चीन, हांगकांग, दक्षिण कोरिया और जापान प्रमुख शेयर सूचकांकों में 5 प्रतिशत के दायरे में गिरावट रही. सोमवार को भारतीय समयानुसार दोपहर बाद खुले यूरोपीय बाजारों भी शुरू में गिरावट दर्ज की गयी.

कच्चे तेल के दाम में तीव्र गिरावट के कारण भी बाजार में उतार-चढ़ाव आया. सऊदी अरब के तेल कीमत घटाने के बाद कच्चे तेल बाजार में कीमत युद्ध शुरू हो गया है. तेल बाजार में कीमतों को गिरने से रोकने के लिए प्रमुख उत्पादकों के बीच उत्पादन में कटौती का समझौना नहीं हो सका है. उसके बाद सऊदी अरब ने यह कदम उठाया है. ब्रेंट क्रूड वायदा बाजार में एक समय 30 फीसदी तक लुढ़क गया था. बावजूद इसका वायदा भाव 18.33 फीसदी की गिरावट के साथ 36.97 डॉलर प्रति बैरल पर चल रहा था.

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